जयपुर (आईएएनएस)। कोटा के एक और कोचिंग छात्र पुष्पेंद्र सिंह ने रविवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुष्पेंद्र सिंह सात दिन पहले नीट की कोचिंग के लिए कोटा आया था। वह राजीव गांधी नगर में अपने रिश्तेदार के बेटे के साथ हॉस्टल में रहता था।
रविवार को उसका चचेरा भाई बाजार गया, तभी पुष्पेंद्र ने फांसी लगा ली। कुछ देर बाद जब वह लौटा तो कमरे का गेट बंद मिला। उसने पुष्पेंद्र को फोन किया, लेकिन गेट नहीं खुला।
जिसके बाद उसने हॉस्टल ऑपरेटर को फोन पर गेट बंद होने की जानकारी दी। हॉस्टल ऑपरेटर ने दरवाजा तोड़ा तो पुष्पेंद्र फंदे पर लटका हुआ था। पुलिस व परिजनों को घटना की सूचना दी गई। सोमवार सुबह परिजन जालोर से कोटा पहुंचे। पुलिस ने अपनी मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस के मुताबिक, छात्र के पास से अभी तक कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है। ऐसे में जांच के बाद ही आत्महत्या का कारण स्पष्ट हो सकेगा।
इस बीच, मृतक के एक रिश्तेदार ने सवाल उठाया कि कोटा में बच्चे आत्महत्या क्यों कर रहे हैं, सरकार को इसका कारण ढूंढना चाहिए। उन्होंने कहा, "हमारे बच्चे को यहां आए सात दिन ही हुए हैं। अब बताओ किसे जिम्मेदार ठहराया जाए। कोटा, हॉस्टल, कोचिंग या किसी और को। हम चाहते हैं कि कारण की जांच हो और सच्चाई सामने आये।"
बता दें कि पिछले छह महीनों में कोटा में करीब 15 मामले सामने आए हैं जिनमें छात्रों ने या तो आत्महत्या कर ली है या आत्महत्या करने की कोशिश की है।