एक्सपे्रस-वे पर दौड़ने के लिए कोटा को करना पड़ेगा इंतजार

Update: 2023-02-14 14:41 GMT

कोटा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे के पहले खंड का उद्घाटन भले ही कर दिया हो लेकिन कोटावासियों को अभी इस एक्सप्रेस-वे से जयपुर और दिल्ली जाने के लिए कम से कम 6-8 महीने और इंजार करना होगा। अभी इस मार्ग पर होकर यात्रा नहीं की जा सकती है। उसका कारण ये है कि ये एक्सप्रेस-वे दिल्ली से दौसा के लिए लिए शुरू हुआ है । कोटा जिले में इस मार्ग का पूरा पोर्शन नहीं बना है,1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे का पहला खंड 246 किलोमीटर लंबा है। दिल्ली-दौसा-लालसोट के बीच का यह खंड दिल्ली से जयपुर की यात्रा को आसान करेगा। इसके बनने के बाद दिल्ली से जयपुर का पांच घंटे का सफर महज साढ़े तीन घंटे में पूरा हो सकेगा। आठ लेन का ये एक्सप्रेस-वे विश्व का पहला सबसे लम्बा एक्सप्रेस वे है जिसे बारहलेन तक बढ़ाया जा सकता है।

कोटा जिले में होगा 106 किलोमीटर सड़क निर्माण

कोटा जिले में होने वाले 106 किलोमीटर सड़क निर्माण कार्य में से 33.5 किलोमीटर के हिस्से में मुकुन्दरा टनल और चेचट तथा रामगंजमंडी के इलाकें आते है तो 72.5 किलोमीटर में दीगोद, लाडपुरा और कनवास तहसील के 47 गांव आते हैं। इनमे से 33.5 किलोमीटर हिस्से में से एक मुकुन्दरा टनल में लगभग 20-25 प्रतिशत सड़क ही बन पाई है तो दूसरे हिस्से में लगभग 70 प्रतिशत सड़क बन चुकी है। वहीं 72.5 किलोमीटर में से लगभग 38-40 किलोमीटर की सड़क बन चुकी है।

यह रहेंगे एन्ट्री और एक्जिट के पॉइंट, पूरे मार्ग पर नहीं होगा कोई ब्रेकर

जिले में जिन स्थानों पर एन्ट्री/एग्जिट की सुविधा दी जाएगी उनमें मंंंंंंंंडावरा, जालिमपुरा, कराड़िया, बालापुरा, गोपालपुरा तथा चेचट शामिल हैं। कोटा जिले के चेचट तथा रामगंज मंडी इलाके में सड़क निर्माण में अभी 6 से 8 माह का समय लगेगा तो मुकुन्दरा टनल के हिस्से की सड़क पूरा करने में 15 माह से अधिक का समय लगने की संभावना है। कोटा जिले से होकर गुजरने वाली सड़क में 6 इंटरचेंज होंगे। ये संख्या राजस्थान के उन सभी 7 जिलों में सबसे अधिक है जहां से एक्सप्रेस-वे की सड़क गुजरेगी। जहां से एन्ट्री और एग्जिट की सुविधा होगी।

स.माधोपुर होकर पहुंचा जा सकेगा जयपुर

इस एक्सप्रेस-वे के पूरा होने के बाद दिल्ली से मुंबई तक का सफर का 24 घंटे से घटकर 12 घंटे का हो जाएगा। इसके अलावा एक्सप्रेस - वे के बीच पड़ने वालों शहरों की दूरी भी अब आसान हो जाएगी। इस मार्ग पर कोटा से जयपुर करीब ढाई से तीन घंटे में और कोटा से दिल्ली करीब 4 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। कोटा से जयपुर जाने के यहां से सवाईमाधोपुर और दौसा होकर जाना पड़ेगा। एक्सप्रेस वे में एंट्री/एग्जिट सिर्फ एंटरचेंज पर ही मिलगा। इस एक्सपे्रस-वे पर कोई ब्रेकर नहीं होगा। स्पीड अधिकतम 120 किलोमीटर प्रतिघंटा तय की गई है।

दुनिया का दूसरा एक्सप्रेस-वे जिसमें पशु पुल यानि अंडरपास की सुविधा

यह एक्सप्रेस-वे एशिया में पहला और दुनिया में दूसरा है जिसमें वन्यजीवों की बिना रोक-टोक आवाजाही की सुविधा के लिए पशु पुल (अंडरपास) की सुविधा है। इसमें 3 वन्य जीव और 5 हवाई पुल (ओवरपास) होंगे जिनकी कुल लंबाई 7 किमी होगी। एक्सप्रेस-वे में दो बड़ी 8 लेन सुरंगें भी शामिल होंगी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे विभिन्न वनों, शुष्क भूमि, पहाड़ों, नदियों जैसे कई विविध क्षेत्रों से गुजरता है। अधिक वर्षा वाले वडोदरा-मुंबई खंड के लिए कठोर फुटपाथ डिजाइन को अपनाया गया है।

वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा

यह एशिया का पहला ऐसा हाईवे है जिसके निर्माण में वन्यजीवों के लिए ग्रीन ओवरपास की सुविधा दी जाएगी। इस एक्सप्रेस वे को भारतमाला प्रोजेक्ट परियोजना के पहले चरण के हिस्से के रूप में बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि ये एक्सप्रेस-वे सही मायनों में देश की प्रगति का एक्सप्रेस-वे साबित हो सकता है। इस एक्सप्रेस-वे पर हैलीपैड भी बनाने की योजना है। दोनो ओर इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की भी योजना है। निर्माण पूरा होने पर जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद तथा वडोदरा जैसे आर्थिक केन्द्रों से कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इससे इन शहरों में आर्थिक गतिविधियों को बल मिलेगा।

यह लागत आएगी इस एक्सप्रेस-वे की

उल्लेखनीय है कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की आधारशिला 9 मार्च 2019 को रखी गई थी। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के 246 किलोमीटर लंबे दिल्ली-दौसा-लालसोट खंड को 12,150 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। इस खंड के चालू होने से दिल्ली से जयपुर की यात्रा का समय 5 घंटे से घटकर लगभग 3.5 घंटे हो जाएगा। इसके अलावा सरकार ने पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास को एक बड़ा बढ़ावा मिलने का भी दावा किया है। पूरी परियोजना की बात करें तो 1,386 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेस-वे को 98,000 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया जा रहा है।

ये खासियत है एक्सप्रेस-वे की

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे होगा। यह राष्ट्रीय राजधानी, दिल्ली और मुंबई के बीच संपर्क को बढ़ाएगा। एक्सप्रेस-वे 93 पीएम गति शक्ति टर्मिनल, 13 बंदरगाहों, आठ प्रमुख हवाई अड्डों और आठ मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क (एमएमएलपी) के साथ-साथ जेवर हवाई अड्डे, नवी मुंबई हवाई अड्डे और जवाहर लाल नेहरू बंदरगाह जैसे नए आने वाले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों को भी जोड़ेगा।

एनएचएआई नहीं कर पाया है टोल की पूरी तैयारी

राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) टोल वसूली की तैयारी पूरी नहीं कर पाया है, इसीलिए रविवार को उद्घाटन के बाद भी वाहन चालकों को सफर के लिए 15 फरवरी तक इंतजार करना पड़ेगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार एक्सप्रेस-वे के लोकार्पण के बड़े पैमाने पर टेंट लगाए गए हैं। उन्हे उतारने के लिए समय चाहिए, इसलिए लोकार्पण के बाद 15 फरवरी के बाद से ही सफर शुरू किया जाएगा।

इनका कहना है

फिलहाल इस एक्सपे्रस-वे को दौसा से दिल् ली के लिए शुरू किया गया है। कोटा जिले में पोर्शन का काम अभी पूरा नहीं हुआ हैं। कोटा से जयपुर और दिल्ली के लिए इस मार्ग पर यात्रा कब से शुरू की जा सकेगी मैं तारीख तो नहीं बता सकता लेकिन कम से कम 6 महीने तो लगेंगे ही।

-जे.पी. गुप्ता, परियोजना निदेशक, राष्टÑीय राजमार्ग प्राधिकरण, कोटा

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