कोटा: डायबिटीज मैनेजमेंट में नर्सेज के अपस्किलिंग प्रोग्राम की इंडिया स्वीडन हेल्थकेयर इनोवेशन सेंटर ने की शुरुआत
स्टेट एजुकेशनल न्यूज़: मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की कोटा ईकाई ने कौमी एकता की अनूठी मिसाल पेश कर कोरोना महामारी के बाद नागरिकों से सामाजिक सौहार्द्र बनाये रखने की अपील की है। मंच के संभाग संयोजक इरशाद अली के नेतृत्व में शहर के मुस्लिम युवाओं की एक टीम हिन्दू भाइयों के साथ मिलकर भगवान श्रीराम के भजन 'श्रीराम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में...' गाते हुये लोगों से मिलजुलकर रहने की अपील कर रही है। इरशाद ने बताया कि देश के कुछ राज्यों में असामाजिक तत्व पिछले कई वर्षों से चले आ रहे सामाजिक सौहार्द्र और भाईचारे के माहौल को बिगाडने का प्रयास कर रहे हैं,जिससे मुस्लिम समाज के बुद्धिजीवी वर्ग को ठेस पहुंची है। तीन वर्षों में हम कोरोना महामारी के संकट से बाहर निकले हैं, अब सभी समुदायों के लोगों को मिलजुलकर आजीविका पर ध्यान केंद्रित करना चाहिये। मुस्लिम मंच के अहमद हुसैन, अनवर भाई और अब्दुल हमीद ने कहा कि कोटा शहर में पिछले कई वर्षों से हिंदू-मुस्लिम परिवार एक दूसरे के साथ मिलकर उल्लास से पर्व त्यौहार मनाते आ रहे हैं। होली, दीवाली, ईद जैसे त्यौहारों पर हम गले मिलकर एक-दूसरे को बधाई देते हैं, खीर व पकवान खिलाते हैं। यही हमारी ताकत है।
उन्होंने कहा कि कट्टरपंथी तत्व शांति के माहौल को भंग करके अपनी रोटियां सेकने का कार्य करते हैं, हम उनका कडा विरोध करेंगे। दोनो समुदायों के बीच प्यार की जगह नफरत की दीवारें पैदा की जा रही है, जबकि हम लोग कई सालों से साथ रहकर अपने- अपने कारोबार कर रहे हैं। फर्नीचर व्यवसायी अफरोज ने बताया कि वे पिछले 20 वर्षों से लकडी के मंदिर बनाकर बेचते हैं। उनकी आजीविका हिंदू भाईयों के प्रेम से दिनोदिन तेजी से चल रही है। टेलर रिजवान ने कहा कि हम हिंदू भाई-बहनों के कपडे सिलकर ही परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत कर सके हैं। हमारे आपसी विश्वास और कौमी एकता को भंग करने वालों से सबको दूरी बना लेना चाहिये।