राजस्थान न्यूज़: कैसे पड़ा जयपुर के हवा महल का नाम कैसे पड़ा जानिए

Update: 2024-06-20 10:49 GMT
राजस्थान न्यूज़:   भारत अपनी संस्कृति और परंपराओं के अलावा अपनी धरोहरों के लिए भी जाना जाता है। यहां कई ऐसी इमारतें हैं, जो हमारे देश के समृद्ध और गौरवमयी इतिहास को दर्शाती हैं। राजस्थान देश का ऐसा ही एक राज्य है, जो अपनी रंग-बिरंगी संस्कृति और खूबसूरती के लिए जाना जाता है। यहां कई सारे महल और किले मौजूद हैं, जिन्हें देखने दूर-दूर से लोगा यहां आते हैं। राजस्थान की राजधानी जयपुर, जिसे पिंक सिटी के नाम से भी जाना जाता है, ऐसा ही एक खूबसूरत शहर है।
यहां कई खूबसूरत महल और किले शहर की शान बढ़ाते हैं, जिनका दीदार करने दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। हवा महल इन्हीं खूबसूरत इमारतों में से एक है, जिसकी अनोखी बनावट और इसका नाम लोगों को अपनी तरफ आकर्षित करता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे हवा महल के इतिहास और इसके अनोखे नाम की कहानी के बारे में
क्यों कहलाया हवा महल
राजस्थान पर्यटन  Rajasthan Tourismके मुताबिक जयपुर में हवा महल को शहर के प्रमुख आकर्षणों में से एक माना जाता है। यह पांच मंजिला इमारत मधुमक्खी के छत्ते की तरह दिखाई देती है और इसमें असंख्य खिड़कियां और झरोखे बने हुए हैं, जिसकी वजह से महल के अंदर हमेशा हवा चलती रहती है। अपनी इसी खायितस की वजह से इसे हवा महल का नाम दिया गया है। महल में मौजूद इस अद्भुत वेंटिलेशन के कारण इसका नाम हवा महल रखा गया, जिसका शाब्दिक अर्थ "हवाओं का महल" होता है।
इसलिए बनाया गया हवा महल
अब बात करें इस महल के इतिहास की, तो इसे बनवाने का मुख्य उद्देश्य शाही परिवार Royal Familyऔर दरबार की महिलाओं को दूसरों की नजरों से बचाकर जौहरी बाजार की चहल-पहल को देखने की अनुमति देना था। यह महिलाएं महल में मौजूद छोटी -छोटी खिड़कियों और झरोखों की मदद से बाहर सड़कों पर होने वाली हलचलों को देख पाती थीं, वो भी बिना किसी की नजर में आए।
यह एक पांच मंजिला five storey इमारत है और दुनिया की सबसे ऊंची इमारत 
Tallest building 
 है, जो बिना नींव के बनाई गई है। इसमें एक घुमावदार वास्तुकला है, जो 87 डिग्री के कोण पर झुकती है और एक पिरामिड आकार है, जिसने इसे सदियों तक सीधा खड़ा रहने में मदद की है। हवा महल और श्री कृष्ण  Sri Krishnaका संबंध
हवा महल धार्मिक Hawa Mahal Religious दृष्टि से भी हवा महल काफी अहम माना जाता है। यह महल भगवान कृष्ण Palace Lord Krishna को समर्पित है। कहा जाता है कि इस इमारत का आकार कृष्ण के मुकुट जैसा दिखता है। एक महल से अधिक, हवा महल एक सांस्कृतिक चमत्कार भी है, जो हिंदू राजपूत और इस्लामी मुगल वास्तु शैली के मिश्रण को दर्शाता है। महल में राजपूत शैली को गुंबदों की छतरियों और बांसुरीदार fluted स्तंभों में देखा जा सकता है, जबकि पत्थर जड़ा हुआ चांदी का काम और मेहराब वास्तुकला की मुगल शैली का आदर्श चित्रण हैं।
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