Jalore: धातु निर्मित मांझे का उपयोग एवं बिक्री निषेध एवं पूर्ण प्रतिबंधित

Update: 2024-12-25 13:38 GMT
Jalore जालोर । जिला मजिस्ट्रेट डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत धातु निर्मित मांझे का उपयोग एवं बिक्री निषेध एवं पूर्ण प्रतिबंधित किया है।
जिला मजिस्ट्रेट डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने बताया कि मकर संक्रान्ति पर्व पर पतंगबाजी के लिए धातुओं के मिश्रण से निर्मित ‘‘धातु निर्मित मांझा’’ प्रयुक्त किया जाने लगा है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण के प्रयोग से तैयार किया जाता है, जो पतंग के पेंच लड़ाने में अधिक कारगर होता है, इस कारण से इसका प्रयोग अधिक किया जाने लगा है। यह मांझा विभिन्न धातुओं के मिश्रण से निर्मित होने से धारदार तथा विद्युत का सुचालक होता है जिसके उपयोग के दौरान दुपहिया वाहन चालकों तथा पक्षियों को अत्यधिक जान-माल का नुकसान होना संभाव्य है, साथ ही विद्युत का सुचालक होने के कारण विद्युत तारों के सम्पर्क में आने पर विद्युत प्रवाह होने से पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचना एवं विद्युत सप्लाई में बाधा उत्पन्न होना भी संभाव्य है। इस समस्या व खतरे के निवारण के लिए आवश्यक है कि ‘‘धातु निर्मित मांझा’’ (पतंग उड़ाने के लिए पक्का धागा, नायलोन/प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटीक/टोक्सीक मेटेरियल यथा आइरन पाउडर, ग्लास पाउडर का बना हो) के उपयोग एवं विक्रय को निषेध किया जावें।
इसी प्रकार माननीय उच्च न्यायालय राजस्थान, खण्डपीठ जयपुर एवं नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, नई दिल्ली द्वारा भी पतंग उड़ाने के लिए उक्त हानिकारक सामग्री से बने धागे के उपयोग को परमिट नहीं किया गया है। जिला मजिस्ट्रेट डॉ. प्रदीप के. गावंडे ने धारा 163 भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए लोक स्वास्थ्य व विद्युत संचालन बाधा रहित बनाये रखने एवं पशु-पक्षियों के लिए बड़े पैमाने पर खतरा बन चुके ‘‘धातु निर्मित मांझा’’ (पतंग उड़ाने के लिए पक्का धागा, नायलोन/प्लास्टिक मांझा, चाईनीज मांझा जो सिंथेटीक/टोक्सीक मेटेरियल यथा आइरन पाउडर, गलास पाउडर का बना हो) की थोक एवं खुदरा बिक्री तथा उपयोग जालोर जिले के क्षेत्राधिकार में निषेध व पूर्ण प्रतिबंधित किया है। कोई भी व्यक्ति यदि उक्त प्रकार के मांझे का भण्डारण, विक्रय व परिवहन करेगा तो उनके विरूद्ध यथा प्रचलित सम्यक कानून के तहत कार्यवाही की जायेगी। यह भी निषेध किया गया हैं कि पक्षियों को नुकसान से बचाने के लिए पतंगबाजी प्रातः 6 बजे से प्रातः 8 बजे तक तथा सायं 5 बजे से सायं 7 बजे तक की समयावधि में पूर्ण रूप से प्रतिबंधित रहगी। यह आदेश 31 जनवरी, 2025 तक प्रभावी रहेगा।
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