Jaipur: जयपुर नगर निगम के वार्डों की तस्वीर फिर बदलेगी

अगले साल होने वाला निकाय चुनाव दो की जगह एक ही नगर निगम के लिए हो सकता है।

Update: 2024-06-13 09:53 GMT

राजस्थान: 58 महीने बाद जयपुर नगर निगम के वार्डों की तस्वीर फिर बदलने वाली है। अगले साल होने वाला Municipal elections दो की जगह एक ही नगर निगम के लिए हो सकता है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा से संकेत मिलते ही स्वायत्त शासन विभाग व स्थानीय निकाय निदेशालय ने वार्डों के सीमांकन की पुरानी फाइलें खंगालना शुरू कर दी है।

संभावना है कि पिछली सरकार द्वारा दो नगर निगम करने से पहले 91 वार्डों का परिसीमन कर 150 वार्डों का जो खाका तैयार किया था, भाजपा सरकार उसे ही लागू करेगी। खास बात यह है कि नए परिसीमन में नगर निगम का दायरा बढ़ाया जा सकता है। यानी प्रस्तावित रिंग रोड के अंदर नगर निगम काम करेगा और बाहर जेडीए। ऐसा इसलिए भी क्योंकि अब तक जेडीए, निगम व हाउसिंग बोर्ड की कोई सीमा तय नहीं है। बता दें कि पिछली सरकार ने 91 वार्डों को तोड़कर 250 वार्ड कर दिया था. 100 वार्डों का हेरिटेज और 150 वार्डों का ग्रेटर निगम बनाया गया. हेरिटेज में कांग्रेस और ग्रेटर में बीजेपी का मेयर है. दोनों निगमों में महिलाओं के लिए 33 फीसदी वार्ड आरक्षित हैं. उस वक्त परिसीमन पर मालवीय नगर से बीजेपी विधायक कालीचरण सराफ और सांगानेर से पूर्व विधायक अशोक लाहोटी ने आपत्ति जताई थी.

अब तक छह बार वार्डों का परिसीमन हो चुका है

जयपुर में अब तक 6 बार वार्डों का सीमांकन हो चुका है. निगम का पहला बोर्ड 1995 में बना था, तब 60 वार्ड थे. इसके बाद 64 वार्ड, फिर 70 वार्ड हो गये. बाद में 7 वार्डों को बढ़ाकर 77 कर दिया गया। इसके बाद 91 वार्ड हैं। 2019 में, शहर को 91 वार्डों का Delimitation करके 250 वार्ड बनाकर दो नगर निगमों में विभाजित किया गया था।

2030 में शहर की आबादी 50 लाख हो जाएगी, इसलिए निगम की सीमा बढ़ जाएगी

2001 की जनगणना के अनुसार जयपुर की जनसंख्या 26 लाख थी, तब 70 वार्ड थे। पिछला परिसीमन 2011 की Census पर आधारित था। तब 40 लाख जनसंख्या मानी गई थी, जो 45 लाख को पार कर गई है। निगम का अगला बोर्ड वर्ष 2030 तक काम करेगा, तब तक जनसंख्या 50 लाख को पार कर जायेगी, इसलिए निगम की सीमा बढ़ाना जरूरी है.

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