Churu: गनबाड़ी के नन्हे-मुन्ने बच्चों को ‘बढता बचपन 2.0 कार्यक्रम

Update: 2024-12-19 14:24 GMT
Churu चूरू । जिला कलक्टर अभिषेक सुराणा की पहल पर जिले में शुरू किया बढ़ता बचपन 2.0 कार्यक्रम आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों के पूर्व प्राथमिक स्तर पर ही शिक्षण का सशक्त माध्यम बन रहा है। जिला कलक्टर की पहल पर शुरू किए गए बढ़ता बचपन 2.0 कार्यक्रम से अब आंगनबाड़ी केन्द्र सुदृढ़ हो रहे हैं और साथ ही बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल रही है। बच्चों को पेरेंट्स व टीचर की साझा देखरेख में सीखने के बेहतरीन अवसर मिल रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर आने वाले बच्चों के अभिभावक भी इस कार्यक्रम के जरिए आ रहे बदलाव को महसूस कर रहे हैं।
बढ़ता बचपन 2.0 अंतर्गत, रॉकेट लर्निंग संस्था के समन्वय से चल रहे कार्यक्रम में जिले की सभी आंगनबाड़ी सुपरवाइजर के बाद अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पाठ्यक्रम के अनुसार भेजी गई रॉकेट लनिर्ंग की सामग्री का उपयोग करके बच्चों को शिक्षित करना बताया जाता है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व्हाट्सएप्प पर बच्चों के लिए प्रेषित शिक्षण सामग्री को देखकर अगले दिन बच्चों को केन्द्र पर करके-सीखना गतिविधि के माध्यम से सिखाने के प्रयास करती हैं। यह सामग्री क्षेत्रीय और ग्रामीण भाषाओं में तैयार की जाती है और व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से कार्यकर्ताओं तक
पहुंचाई जाती है।
कार्यक्रम अंतर्गत विभाग के उपनिदेशक के निर्देशन में महिला पर्यवेक्षकों द्वारा जिले की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और बच्चों के माता-पिता को व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा जा रहा है। इस ग्रुप के जरिए कार्यकर्ताओं को ऑनलाइन कंटेंट से प्रारंभिक शिक्षा दी जाती है और वे बच्चों के साथ गतिविधियां करके प्रोग्रेस भिजवाती हैं। इस प्रयास के लिए उन्हें प्रमाण-पत्र और स्टार जैसे प्रोत्साहन दिए जाते हैं, जिससे उनकी भागीदारी बढ़ती है और माता-पिता की रूचि में भी इजाफा होता है।
माता-पिता को जोड़ने से उन्हें यह मालूम रहता है कि उनके बच्चे आंगनबाड़ी केन्द्रों पर क्या सीख रहे हैं। माता-पिता बच्चों से घर पर भी टास्क पूरा करवाते हैं और बच्चों का अधिगम स्तर बेहतर होता है। विभाग द्वारा नियमित रूप से भेजे गए कंटेंट व कार्यकताओं की प्रोग्रेस को मॉनीटर किया जाता है।
बढ़ता बचपन 2.0 कार्यक्रम अंतर्गत जिले में 09 अक्टूबर, 2024 को रॉकेट लर्निंग संस्था, जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से सेक्टर सुपरवाइजरों को कार्यक्रम के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। सुपरवाइजर अब आंगनबाड़ी कार्यकताओं व सहायिकाओं को प्रभावी शिक्षण के लिए प्रेरित व शिक्षित करती हैं।
उल्लेखनीय है कि रॉकेट लनिर्ंग एक गैर सरकारी संस्था है, जो प्रारंभिक और पूर्व प्रारंभिक शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करती है। यह संस्था माता-पिता और आंगनबाड़ियों को जोड़ने के लिए डिजिटल और प्रत्यक्ष हस्तक्षेप का मिश्रित उपयोग करती है। रॉकेट लर्निंग के मॉडल से बच्चों के सीखने के परिणामों पर सकारात्मक असर देखा गया है। यह संस्था आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और माता-पिता के प्रशिक्षण पर भी गहरी नजर रखती है। बढ़ता बचपन कार्यक्रम के तहत, रॉकेट लनिर्ंग संस्था आंगनवाड़ी केंद्रों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराती है, जो राज्य के पाठ्यक्रम आधारशिला पर आधारित है।
अभिभावकों की जुबानी- बच्चों में बढ़ रही सीखने की गति
चूरू जिला मुख्यालय पर वार्ड नं 4 में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र संख्या -2 पर आने वाले बच्चे अमान हुसैन की माता रूकैया ने बताया कि उनके बच्चे को केन्द्र पर करवाई जाने वाली एक्टिविटी उन्हें भी व्हाट्सएप्प पर भेजी जाती है। बच्चों का होमवर्क भी उन्हें व्हाट्सएप्प पर भेजा जाता है, जिससे वह बच्चे को घर पर भी सिखा पाती हैं। इससे अब उनके बच्चे के सीखने की गति बढ़ रही है। जिला प्रशासन का बढ़ता बचपन कार्यक्रम बहुत अच्छा है। इसी केन्द्र पर आने वाली बच्ची भाविका की माता संजू ने बताया कि उनकी बच्ची नियमित रूप से घर पर आकर भी अंगनबाड़ी केन्द्र पर सिखाई गई एक्टिविटी दोहराती है और अब उन्हें भी व्हाट्सएप्प पर बच्चों का होमवर्क प्राप्त होने से वह भी बच्ची को सीखा पाती हैं। इससे अब भाविका नियमित एक्टिविटी से जुड़ी हुई है। बढ़ता बचपन कार्यक्रम अच्छी पहल है।
केन्द्र पर आने वाली बच्ची माही की माता यशोदा स्वामी बताती हैं कि उनकी बच्ची अब पूर्व प्राथमिक शिक्षा में अच्छा सीख रही है। नियमित रूप से एक्टिविटी मटीरियल उन्हें व्हाट्सएप्प पर प्राप्त होता है। इसी प्रकार बच्ची आयत की माता तमन्ना ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि यह एक अच्छी पहल है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता मंजू देवी कहती हैं कि कार्यक्रम ने बच्चों के विकास में आंगनबाड़ी की भूमिका को बेहतर बनाया है।
चूरू के वार्ड नंबर 39 में संचालित अंगनबाड़ी केन्द्र संख्या 2 में बढ़ता बचपन कार्यक्रम को लेकर अपने अनुभव साझा करते हुए समीम ने बताया कि उनका बेटा अदनान नियमित रूप से आंगनबाड़ी केन्द्र आता है। वह दिनचर्या की गतिविधियां बेहतर ढंग से कर पा रहा है। अब व्हाट्सएप्प पर भी उनको अदनान की एक्टिविटी प्राप्त हो जाती हैं। बढ़ता बचपन 2.0 कार्यक्रम बच्चों के विकास के लिए बेहतरीन प्रयास है।
इसी केन्द्र पर आने वाली बच्ची अनामिका की बड़ी बहिन निशा ने बताया कि अब अनामिका और बेहतर ढंग से सीख रही है। निशा को केन्द्र पर करवाई जाने वाली एक्टिविटी भी व्हाट्सएप्प पर प्राप्त हो जाती हैं, जिससे उन्हें घर पर सिखाने के अवसर और मजबूत हुए हैं। केंद्र पर कार्यरत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता स्नेहलता शर्मा बताती हैं कि आंगनबाड़ी केंद्र की सेवाएं इस कार्यक्रम के बाद और बेहतर हुई हैं।
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