Jaipur: जनभागीदारी से बदलेगी राजस्थान में स्वच्छता की सूरत -प्रमुख शासन सचिव
Jaipur जयपुर । स्वच्छ सर्वेक्षण— 2024 की नई टूलकिट की विस्तृत जानकारी एवं 15 फरवरी से प्रारंभ होने वाले फील्ड असेसमेंट की तैयारियों के संबंध में शुक्रवार को इन्दिरा गांधी पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास संस्था में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें राज्य की समस्त नगरीय निकायों में कार्यरत स्वच्छ भारत मिशन से संबंधित नोडल अधिकारी ने भागीदारी की।
स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री राजेश यादव ने कार्यशाला में उपस्थित अधिकारियों का मार्गदर्शन किया तथा कहा कि बढ़ती जनसंख्या के साथ सफाई, स्वच्छता सम्बंधी समस्याएं भी बढ़ी है। आमजन को कोई समस्या न हो तथा उन्हें स्वच्छ वातावरण मिलें, इसके लिए हम कटिबद्ध है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के विजन और मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा के मार्गदर्शन में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को प्रदेश में प्रभावी तरीके से लागू करना हमारी प्राथमिकता है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि स्वच्छ भारत मिशन के एफएसटीपी, सीवरेज सिस्टम, ग्रीन स्पेस सहित अन्य संकेतकों पर विशेष ध्यान दें जिससे राजस्थान की रैंकिंग बेहतर बन सके। आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ ही इस अभियान में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित करें। इसके साथ ही अपने-अपने निकायों में गंदगी फैलाने वालों पर जुर्माना भी लगाएं।
श्री यादव ने नोखा, नाथद्वारा सहित अन्य कुछ निकायों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत किये गये कार्यों की प्रशंषा की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन को हमें एक नई ऊँचाई पर ले जाना है। जितना स्वच्छ भारत मिशन सफल होगा, उतना ही हमारे राज्य का नाम देश में चमकेगा। श्री यादव ने बताया कि केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने गत 17 जनवरी को स्वच्छ सर्वेक्षण— 2024 की नई टूलकिट जारी की है। स्वच्छ सर्वेक्षण— 2024 के लिए पूर्व में कुल 9500 अंक निर्धारित किये गये थे, जिन्हें अब बढ़ाकर 12500 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त नगरीय निकाय क्षेत्र की जनसंख्या अनुसार मापदण्डों का निर्धारण तथा ‘‘सुपर स्वच्छ लीग, सीटीयू रूपान्तरण, विद्यालयों का असेसमेंट जैसे बिन्दुओं को भी असेसमेंट में सम्मिलित किया गया है। नये टूलकिट के अनुसार असेसमेंट के दौरान स्वच्छतम पोर्टल पर किसी प्रकार की त्रुटि/अन्तर पाये जाने की स्थिति में नेगेटिव मार्किंग भी की जायेगी।
निदेशक एवं विशिष्ट सचिव श्री इन्द्रजीत सिंह ने नगरीय निकायों को सफाई व्यवस्था में व्यापक सुधार करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सभी नगरीय निकायों को स्वच्छ सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग के लिए सफाई व्यवस्था का प्रभावी प्लान बनाना होगा। जिसमें यह देखना होगा कि उनके पास क्या संसाधन है, कितने कचरा डम्पिंग स्थल हैं, कितने मुख्य मार्ग हैं, कितने क्षेत्र की सफाई होगी एवं उसमें कितना समय लगेगा। निकाय क्षेत्रों में अत्यधिक कचरा उत्पन्न करने वाले जैसे सब्जी मण्डी, होटल, होस्टल, शापिंग काॅम्पलेक्स, कारखाना आदि का कचरा उठाने के लिए अलग से प्लान तैयार कर क्रियान्वित करना होगा। इस दौरान उन्होंने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए डूंगरपुर का भी जिक्र किया तथा बताया कि किस तरह आमजन को जागरूक कर और सघन माॅनिटरिंग से निकायों की स्वच्छता रैंकिंग को बेहतर किया जा सकता है।
एसबीएम निदेशक श्रीमती श्वेता चौहान ने कहा कि स्वच्छता रैंकिंग में राज्य को उच्च स्थान मिले, इसके लिये हर संभव प्रयास हो । निदेशालय स्तर से इसकी सघन मॉनिटरिंग व समीक्षा की जाएगी । उन्होंने एसबीएम के अधिकारियों के साथ समय— समय पर कार्यशाला आयोजित करने पर भी ज़ोर दिया । कार्यशाला में निदेशालय स्तर पर स्वच्छ भारत मिशन के वरिष्ठ अधिकारी एवं राज्य की समस्त नगरीय निकायों के आयुक्त/अधिशाषी अधिकारी उपस्थित रहे।