राजस्थान न्यूज़: तापमान में बढ़ोतरी होते ही मौसमी बीमारियों ने अपना मुंह खोल दिया है। इसका असर अस्पतालों की आएटडोर में देखने में देखने को मिल रहा है। अचानक बढ़ी गर्मी की वजह से उल्टी, दस्त, सिर दर्द, डिहाइड्रेशन समेत कई बीमारियों ने अपना सिर उठा लिया है। मई-जून माह में होने वाली गर्मी इस बार अप्रैल माह में पड़ रही। लू के प्रकोप के साथ ही तापमान में तेजी से इजाफा हो रहा है। जिसका असर आमजन की सेहत पर पड़ रहा है। सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग में प्रतिदिन वायरल पीड़ित मरीजों की संख्या में 30 से 40 फीसदी इजाफा हो रहा है। एसएमएस अस्पताल के हालात तो ये है कि यहां सुबह-सुबह ही पर्ची काउंटर पर सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो जाती है,जिसके बाद अस्पताल में पैर रखने तक की जगह नही बचती। ये हालात केवल एसएमएस अस्पताल के ही नही है,बल्कि जयपुर के अन्य बड़े अस्पताल जैसे गणगौरी बाजार,कावटिय़ा अस्पताल,जयपुरिया अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में भी है।
एसएमएस अस्पताल अधीक्षक डॉ. विनय मल्होत्रा ने बताया कि इस बार अप्रैल माह में गर्मी के सीजन में होने वाले अधिकांश बीमारियों घेर रही है। ओपीडी में रोजाना मरीजों में डिहाइड्रेशन , उल्टी, दस्त, चक्कर आना, बुखार, लू, हैजा, नाक बहने, फूड पॉइजनिंग व पेट संबंधी बीमारियों के समेत कई लक्षण देखने को मिल रहे है। इनमें हर उम्र के लोग शामिल है। अभी से गर्मी ने परेशानी बढ़ा दी है, आगामी महीने में पीलिया और डेंगू भी प्रकोप दिखाएगा। ऐसे में इसको लेकर अभी से सतर्क रहने की जरूरत है। साथ ही गर्मियों में दूषित भोजन और दूषित पानी के सेवन से पेट संबंधी परेशानी बढ़ जाती है। जिससे उल्टी दस्त, पीलिया और हीट स्ट्रोक हो जाते है। इस स्थिति में खानपान का विशेष ख्याल रखें। फलों के रस का सेवन करें। लू में बाहर नहीं निकले। लक्षण नजर आने पर तुरंत चिकित्सक से परामर्श लें। लापरवाही नहीं बरते।
तापमान बढ़ने से एकाएक मौसमी बीमारियों का ग्राफ बढ़ने से छोटे बच्चे भी लू, उल्टी दस्त समेत कई समस्याओं से ग्रस्त होकर अस्पताल पहुंच रहे है। जेके लोन अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरविंद शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में अस्पताल में ओपीडी 500 पार पहुंच गई है। इनमें डी हाइड्रेशन, उल्टी दस्त, नाक बहने, बुखार, टाइफाइड समेत कई परेशानियों से ग्रस्त बच्चे आ रहे है।