Jaipur जयपुर । कृषि आदानों यथा उर्वरकों, बीज एवं कीटनाशी की उपलब्धता एवं गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आयुक्त कृषि द्वारा सभी जिला एवं खण्डीय कृषि अधिकारियों को विभिन्न कृषि आदान निर्माता, विक्रेता एवं खुदरा व्यवसायियों द्वारा की जा रही अनियमिततओं के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। कृषि अधिकारियों को दुकानों पर बिना प्राधिकार पत्र या विनिर्माण प्रमाण पत्र के उर्वरकों की कालाबाजारी, जमाखोरी, बिल बुक एवं स्टाफ रजिस्टर निर्धारित प्रारूप में संधारित नही करना, अप्रमाणिक स्टॉक रजिस्टर उपयोग में लेना व अन्य प्रकार की अनियमितताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने के निर्देश दिये हैं।
आयुक्त कृषि सुश्री चिन्मयी गोपाल ने बताया कि कृषि विभाग द्वारा चलाये गये एक दिवसीय विशेष गुण नियंत्रण अभियान के तहत पूरे राज्य में विभागीय अधिकारियों द्वारा 997 निरीक्षण किये गये, जिसमें कृषि आदान निर्माता, विक्रेता एवं खुदरा व्यवसायियों के अनियमितता, कालाबाजारी व जमाखोरी पाये जाने पर 506 को कारण बताओ नोटिस, 49 के विक्रय पर रोक, 10 के प्राधिकार पत्र निलम्बित किये गये। साथ ही एक उर्वरक जब्ती कार्यवाही के अन्तर्गत बिना लाइसेन्स के बंसल खाद बीज भण्डार सीकरी, डीग के सात अवैध गोदामों पर डीएपी के 3639, यूरिया के 7046, एसएसपी के 540 और जिंक सल्फेट के 20 कट्टे जब्त किये गये।
उन्होंने बताया कि कृषि आदान विक्रेताओं एवं निर्माताओं के निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाये जाने पर कृषि आदानों से सम्बन्धित नियमों, अधिनियमों व उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत बिक्री पर रोक, जब्ती, लाइसेन्स निलंबन या निरस्तीकरण जैसी कार्यवाही की जायेगी।
सुश्री चिन्मयी गोपाल ने कहा कि रबी सीजन में किसानों को उच्च गुणवत्ता युक्त कृषि आदान एवं कीटनाशक उपलब्ध कराने के लिए समस्त विभागीय अधिकारियों को अपने क्षेत्राधिकार में बीज, उर्वरकों एवं कीटनाशकों की उच्च गुणवत्ता एवं उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये हैं।
उल्लेखनीय है राज्य के सभी जिलों में प्रतिवर्ष रबी व खरीफ फसलों की बुआई से पहले किसानों को गुणवत्तायुक्त कृषि आदानों की उपलब्धता के लिए माह सितम्बर, अक्टूबर और मई, जून में विशेष गुण नियंत्रण अभियान संचालित किये जाते हैं। गुण नियंत्रण अभियान के तहत उर्वरक, बीज एवं कीटनाशी के नमूने लेने की प्रक्रिया राजकिसान पोर्टल के ‘ ‘‘RajAgriQC" ऐप के माध्यम से ऑनलाइन सम्पादित की जा रही है।