जयपुर: सरकार बाल विवाह को रोकने के लिए अब स्कूलों से ड्राप आउट बच्चों पर करेगी फोकस

Update: 2022-04-22 08:35 GMT

राजस्थान न्यूज़: प्रदेश में अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह की आशंका के मद्देनजर राज्य सरकार अब स्कूलों से ड्राप आउट बच्चों पर फोकस करने जा रही है। विद्यालय स्तर पर प्रत्येक विद्यार्थी की दैनिक उपस्थिति के साथ ही अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किसी भी विद्यार्थी की अनुपस्थिति संदेहास्पद लगने पर विद्यार्थी के घर जाकर उसका पता लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। बाल विवाह को रोकने को लेकर सरकारी स्तर पर होने वाले प्रयासों के बावजूद भी अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह के मामले देखने को मिलते हैं। अक्षय तृतीया के मौके पर पिछले सालों में बाल विवाह के मामले अचानक बढ़ते रहे हैं। इस साल इस पर अंकुश लगाने के लिए एक बार फिर सरकारी स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश में अक्षय तृतीया के मौके पर बाल विवाह के कई मामले सामने आते हैं। इसको लेकर अब बाल अधिकारिता विभाग की ओर से जारी निर्देशों के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के उपनिदेशक ने प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर विद्यालय स्तर पर बाल विवाह को रोकने को लेकर एसओपी जारी की है। प्रदेश में अक्षय तृतीया और पीपल पूर्णिमा के मौके पर बड़ी संख्या में होने वाले संभावित विवाहों के बीच बाल विवाह को रोकने के लिए बाल अधिकारिता विभाग के निर्देशों की अनुपालना में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के समस्त जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर विद्यालय स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग करने और संबंधित स्तर पर सूचना देने की निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षा विभाग की ओर से जारी एसओपी में विद्यालय स्तर पर प्रत्येक विद्यार्थी की दैनिक उपस्थिति जांचने के साथ ही अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही किसी भी विद्यार्थी की अनुपस्थिति संदेहास्पद लगने पर विद्यार्थी के घर जाकर उसका पता लगाने के निर्देश भी दिए गए हैं। एसओपी में कहा गया है कि विद्यालय स्तर पर बाल विवाह होने या इसकी सूचना मिलने पर संबंधित थानाधिकारी और बाल विवाह निषेध अधिकारी को इसकी सूचना दी जाए। एसओपी में कहा गया है कि द फाइट वाले बच्चों को लेकर भी नजर रखी जाए, क्योंकि ड्रॉपआउट ही बाल विवाह की संभावना को बढ़ाता है। ऐसे में 12वीं कक्षा से पूर्व के विद्यार्थी जो ड्रॉप आउट हो रहे हो उन पर भी नजर रखी जाए। इसके अलावा विद्यालय प्रबंधन समिति अभिभावकों के साथ ही विद्यार्थियों के साथ भी संवाद कर बाल विवाह को लेकर जागरूक करें और बच्चों को भी अवगत कराए, ताकि इस तरह का मामला सामने आने पर बच्चे भी खुद शिकायत कर सकें।

प्रदेश में बाल विवाह को रोकने को लेकर बाल अधिकारिता विभाग में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में सभी विभागों और जनप्रतिनिधियों के स्तर पर इसकी मॉनिटरिंग को लेकर कार्य योजना बनाई है। पटवारी, भूअभिलेख निरीक्षक, पंचायत जिला परिषद सदस्य सम्मानित थानाधिकारी, सीओ, ग्रामसेवक कृषि पर्यवेक्षक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग परियोजना अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, महिला पर्यवेक्षक, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को जोड़कर इस पर पैनी निगरानी रखी जाएगी। इसी कड़ी में माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने भी जमीनी स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए विद्यालयों की जिम्मेदारी तय की है।

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