Ajmer: स्वास्थ्य विभाग ने एक फर्जी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की

"डिग्री मांगी तो पता चला 12वीं पास"

Update: 2025-02-01 11:00 GMT

अजमेर: स्वास्थ्य विभाग ने एक फर्जी डॉक्टर के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। यह व्यक्ति मात्र 12वीं पास है लेकिन खुद को डॉक्टर बताकर मरीजों का इलाज कर रहा था। इतना ही नहीं, वह मरीजों को दवाइयां लिखने के साथ-साथ उन्हें ड्रिप भी चढ़ा रहा था, जिससे कई लोगों की जान को खतरा हो सकता था।

स्वास्थ्य विभाग की छापेमारी के दौरान एक बड़ा खुलासा हुआ: मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. ज्योत्सना रंगा के नेतृत्व में एक विशेष टीम ने इस फर्जी क्लिनिक पर छापा मारा। छापेमारी के दौरान आरोपी के पास से एक फर्जी मेडिकल डिग्री बरामद हुई, जिसका इस्तेमाल वह अपनी पहचान के तौर पर कर रहा था। इसके अलावा, क्लिनिक में भारी मात्रा में नकली और बिना लाइसेंस वाली दवाइयां भी पाई गईं, जिन्हें तुरंत जब्त कर लिया गया।

क्लिनिक जब्त, मामले की गहन जांच जारी: स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत आरोपी के क्लिनिक को सील कर दिया और जांच शुरू कर दी कि उसे ये दवाइयां और चिकित्सा उपकरण कहां से मिल रहे थे। प्रारंभिक जांच में यह भी पता चला है कि आरोपी कई महीनों से बिना किसी मान्यता प्राप्त डिग्री के मरीजों का इलाज कर रहा था।

अवैध चिकित्सा गतिविधियों पर प्रशासन सख्त: इस घटना के बाद चिकित्सा विभाग और प्रशासन ने अवैध चिकित्सा गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। आम जनता से अपील की गई है कि किसी भी संदिग्ध डॉक्टर के बारे में जानकारी मिलने पर तुरंत स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें।

जनता को सतर्क रहने की जरूरत है: स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे इलाज कराने से पहले हमेशा डॉक्टर की योग्यता और डिग्री की जांच कर लें। ऐसे फर्जी डॉक्टर मरीजों की जान को खतरे में डाल सकते हैं। इसलिए किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत स्थानीय प्रशासन को दें ताकि ऐसी अवैध गतिविधियों को रोका जा सके और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

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