Jaipur: गोगामेड़ी मेले का झंडारोहण के साथ विधिवत शुभारंभ- पशुपालन, गोपालन

Update: 2024-08-19 13:31 GMT
Jaipur जयपुर । उत्तरी भारत के सबसे बड़े सांप्रदायिक सौहार्द के गोगामेड़ी मेले का हनुमानगढ़ में सोमवार को विधिवत् पूजा अर्चना, झंडारोहण और राष्ट्रगान के साथ शुभारंभ किया गया। पशुपालन, गोपालन, डेयरी एवं देवस्थान विभाग के कैबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने शुभारंभ कार्यक्रम में शिरकत की। इस मौके पर मंत्री श्री कुमावत ने गोगाजी की समाधि पर चादर चढ़ाई तथा माथा टेक कर प्रदेश वासियों की समृद्धि तथा राजस्थान विकसित प्रदेश बने इसके लिए प्रार्थना की। इस वर्ष 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के
आने की उम्मीद है।
इस मौके पर भादरा विधायक श्री संजीव बेनीवाल, जिला कलेक्टर श्री काना राम, पुलिस अधीक्षक श्री विकास सांगवान, नोहर प्रधान श्री सोहन ढील, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त श्री गौरव सोनी, नोहर एसडीएम और मेला मजिस्ट्रेट श्री पंकज गढ़वाल, पशुपालन संयुक्त निदेशक डॉ. हरीश गुप्ता मौजूद रहे। देवस्थान मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत ना आए इसके लिए प्रशासन लगातार प्रयासरत है। श्रद्धालुओं के लिए और अधिक सुविधा कैसे विकसित हो इसके लिए हम प्रयास करेंगे।
*दर्शनार्थियों के लिए स्थाई व्यवस्थाओं हेतु भेजे प्रस्ताव*
दर्शनार्थियों के लिए अस्थाई व्यवस्थाएं टेंट लगाकर की जा रही है। जिसके लिए उन्होंने जिला कलेक्टर को निर्देश दिए कि स्थाई व्यवस्था हेतु जनप्रतिनिधियों, कर्मचारियों से चर्चा कर प्रस्ताव भेजें। मेले में आमजन के लिए जिन सुविधाओं की आवश्यकता होती है, वह निश्चित रूप से उन्हें मिलेगी। श्रद्धालुओं को किसी भी तरीके की तकलीफ ना हो, इसके लिए हम लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि मंदिरों तथा स्कूल दोनों का विकास उनका ध्येय है। मंत्री श्री कुमावत ने प्रशासन, पुलिस तथा देवस्थान विभाग को उनकी जिम्मेदारियों के बारे में बताया।
*पशुपालकों को नए पशु खरीदने के लिए बिना ब्याज 1 लाख रुपए का ऋण*
पशुपालन, गोपालन, डेयरी तथा देवस्थान कैबिनेट मंत्री ने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताते हुए कहा की ऊंटनी के पहले बच्चे के पालन-पोषण के लिए मुख्यमंत्री ने 20 हजार रुपए के अनुदान राशि देने का ऐलान किया है। राजस्थान में रोजगार की दृष्टि से दूसरा सबसे बड़ा व्यवसाय पशुपालन है। राज्य सरकार ने दुधारू पशुओं के लिए बीमा की भी शुरुआत की है। पशुपालक नए पशु खरीद सके इसके लिए गोपालक कार्ड बनाया जाएगा, जिसके माध्यम से पशुपालक 1 लाख रुपए तक का बिना ब्याज के लोन ले सकेंगे। मोबाइल यूनिट के माध्यम से पशुपालकों के घर जाकर पशुओं का इलाज किया जाएगा, इसलिए पूरे प्रदेश में 536 मोबाइल यूनिट की शुरुआत की गई है।
*गौशाला में गायों के अनुदान में 10 फीसदी बढ़ोतरी*
गाय को पूजने से घर में समृद्धि आती है, इसलिए सरकार ने हर पंचायत में गौशाला तथा प्रत्येक पंचायत समिति में नंदी शाला खोलने की घोषणा की है। जिसके लिए नई गौशाला हेतु गौशाला संस्था द्वारा 10 लाख रुपए राशि खर्च करने पर 90 लाख की आर्थिक सहायता दी जा रही है। गायों के लिए अनुदान में 10 फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। देवस्थान विभाग द्वारा बुजुर्गों को निशुल्क तीर्थ यात्रा करवाई जा रही है, जिसमें हवाई जहाज से भी यात्रा करवाई जा रही है। मंत्री ने कहा कि हम आपकी सेवा में हमेशा तैयार है।
*पूर्व मुख्यमंत्री श्री वसुंधरा राजे का मंदिर विकास में अहम योगदान*
देवस्थान कैबिनेट मंत्री श्री जोराराम कुमावत ने कहा कि मेले में ना केवल दर्शन लाभ मिलते हैं, बल्कि संस्कृति के विकास तथा रोजगार सृजन के लिए भी महत्वपूर्ण है। हम वसुदेव कुटुंबकम के साथ सभी धर्मों से प्यार का भाव रखने वाली संस्कृति से है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री श्री वसुंधरा राजे का जिक्र करते हुए कहा कि 2013 से 2018 तक मंदिर विकास में उन्होंने महत्वपूर्ण कार्य करवाए।
जिला कलेक्टर श्री कानाराम ने कहा कि आज से शुरू होकर गोगामेडी का मेला एक महीने तक चलेगा। प्रशासन ने जनप्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर कर श्रद्धालुओं के लिए पुख्ता व्यवस्था की है। बैरिकेडिंग, पानी, चिकित्सा, विद्युत, फायर ब्रिगेड तथा सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक चौबंद है। सांप्रदायिक सौहार्द की मिशाल वाला यह मेला, सौहार्द के साथ चले यह हम सबकी जिम्मेदारी है। भादरा विधायक श्री संजीव बेनीवाल में बताया कि अनेक राज्यों से गोगाजी की पवित्र धरती पर श्रद्धालु पहुंचते हैं। नोहर प्रधान श्री सोहन ढील ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो इसके लिए व्यवस्थाएं दुरुस्त रहे।
*मेले को चार सेक्टर में विभाजित कर प्रभारी अधिकारी किए नियुक्त*
नोहर एसडीएम श्री पंकज गढ़वाल ने कहा कि उत्तर भारत के सबसे बड़े सांप्रदायिक सद्भाव के मेले के लिए सभी कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य करे, हमारा उद्देश्य है कि श्रद्धालुओं को कम से कम परेशानी हो। मेले क्षेत्र को चार सेक्टर में विभाजित किया गया है तथा प्रत्येक सेक्टर के लिए एक प्रभारी अधिकारी नियुक्त किया गए है। प्रभारी अधिकारियों की सहायता के लिए कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। दुकानों के लिए ऑनलाइन ही नीलामी की गई है तथा बैरिकेडिंग की बेहतरीन व्यवस्था की गई है। हमारा उद्देश्य है कि सभी श्रद्धालु खुश होकर मेले से जाए।
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