Jaipur: लोकसभा चुनाव के बाद अब छात्रसंघ चुनाव को लेकर हलचल तेज

छात्रसंघ चुनाव के लिए शुरू हुआ अनूठा अभियान

Update: 2024-06-27 09:07 GMT

राजस्थान: राजस्थान में विधानसभा और लोकसभा चुनाव के बाद अब छात्रसंघ चुनाव को लेकर हलचल तेज हो गई है। पिछली सरकार में स्थगित हुए छात्रसंघ चुनाव को फिर से शुरू करने की मांग को लेकर अब यूनिवर्सिटी के छात्र नेताओं ने चिट्ठी अभियान शुरू किया है। इसके तहत छात्रों ने सीएम भजनलाल को पत्र लिख छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग की है।

1968 से 1989 तक राजस्थान यूनिवर्सिटी छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे ज्ञान सिंह चौधरी ने कहा कि प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव नहीं होना चिंता का विषय है. सरकार को आम छात्रों की आवाज को मजबूत करने के लिए एक बार फिर राज्य में छात्र संघ चुनाव कराना चाहिए. राजस्थान विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में जो लोग छात्र नेता रहे हैं वे आज मजबूत स्थिति में हैं। आम छात्रों को भी इस मामले में आगे ऐसा करना चाहिए. चौधरी ने कहा कि सभी को एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर चुनाव दोबारा शुरू कराने का दबाव बनाना चाहिए. क्योंकि अगर छात्र संघ चुनाव नहीं होते तो आज उनकी ये स्थिति नहीं होती. आज छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल भी मुझसे मिलने आया. जिसने मुझे इस बात की जानकारी दी. इसके बाद मैंने राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को भी पत्र लिखकर एक बार फिर छात्रसंघ चुनाव कराने की अपील की है.

दरअसल, पिछले साल 12 अगस्त को कांग्रेस सरकार ने छात्र संघ चुनाव रद्द करने का फैसला लिया था. इसके बाद राज्य भर में छात्रों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया. हनुमान बेनीवाल जैसे कई नेताओं ने खुलेआम आम छात्रों के साथ मिलकर छात्रसंघ चुनाव की अपील की थी. लेकिन सरकार ने प्रदर्शनकारियों की अनदेखी की और छात्र संघ चुनाव नहीं कराये. ऐसे में इस बार प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही छात्रों ने छात्र संघ चुनाव की मांग शुरू कर दी है. हालांकि, शासन स्तर पर छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया गया है.

बता दें कि पिछले दिनों राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर छात्रसंघ चुनाव फिर से शुरू करने की मांग की थी. बेनीवाल ने कहा- कांग्रेस सरकार ने छात्रसंघ चुनाव रोककर युवाओं की आवाज को कमजोर करने का काम किया है. भाजपा सरकार को इसमें सुधार कर दोबारा छात्रसंघ चुनाव कराना चाहिए।

हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव युवाओं को सक्रिय राजनीति में आने का माध्यम है. इसके साथ ही आम छात्र अपनी समस्याओं को छात्र नेताओं के माध्यम से ही विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में उठा सकते हैं। इसलिए छात्रसंघ चुनाव का आयोजन बेहद जरूरी है. ताकि आम छात्रों की समस्याओं का समाधान कॉलेज व विश्वविद्यालय स्तर पर ही हो सके.

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