भूमि अधिग्रहण एवं क्लियरेंस जैसे मुद्दे समय पर ध्यान में लाएं - एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल

Update: 2023-06-01 13:38 GMT

जयपुर। अतिरिक्त मुख्य सचिव जल संसाधन, आईजीएनपी एवं सिंचित क्षेत्र विकास डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा की गई बजट घोषणाएं समय पर धरातल उतरें ताकि आमजन को इसका लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि सभी मुख्य अभियंता एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंता इस बात का ध्यान रखें कि बड़ी परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण एवं वन विभाग की अनुमति जैसे मुद्दों को उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाकर उनका समय पर समाधान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए जिला प्रशासन, मुख्यालय एवं संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित करें। साथ ही, उन्होंने आगामी मानसून को देखते हुए बड़े बांधों की संचालन व्यवस्था की पर्याप्त मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए।

डॉ. अग्रवाल गुरूवार को आईजीएनपी भवन में जल संसाधन, इंदिरा गांधी नहर परियोजना एवं सिंचित क्षेत्र विकास की 100 करोड़ रूपए से अधिक की परियोजनाओं की प्रगति की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा कर रहे थे। समीक्षा के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने विभिन्न परियोजनाओं में हो रही देरी को गंभीरता से लेते हुए संबंधित जोन के मुख्य अभियंताओं को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बड़ी बांध परियोजनाओं के समय पर पूरी नहीं होने से इसका असर पेयजल आपूर्ति से जुड़ी योजनाओं पर भी पड़ता है।

अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी मुख्य अभियंताओं एवं अतिरिक्त मुख्य अभियंताओं को निर्देश दिए कि किसी भी परियोजना में विभागीय स्तर पर जो कार्य होने हैं उनमें देरी नहीं की जाए। उन्होंने कहा कि संबंधित अभियंता के स्तर पर प्रोजेक्ट की ड्राइंग, डिजाइन पास करने एवं अलाइनमेंट जैसे कार्य समय पर कर लिए जाएं तो कॉन्ट्रेक्टर फर्म को परियोजना में देरी के लिए कोई बहाना नहीं मिलेगा। उन्होंने परियोजना के भूमि आवंटन, फोरेस्ट क्लियरेंस जैसे मुद्दों पर जिला प्रशासन एवं वन विभाग से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए और कहा कि जो इश्यू मुख्यालय स्तर के हैं उन्हें समय पर भेजकर फॉलोअप करें।

डॉ. अग्रवाल ने 673 करोड़ रूपए की परवन वृहद सिंचाई एवं पेयजल परियोजना (झालावाड़), 2171 करोड़ रूपए की परवन वृहद सिंचाई परियोजना (प्रथम चरण), 781 करोड़ रूपए की परवन वृहद सिंचाई परियोजना (द्वितीय चरण), 2249 करोड़ रूपए की अपर हाई लेवल कैनाल परियोजना (बांसवाड़ा), 2000 करोड़ रूपए की पीपलखूंट हाई लेवल कैनाल परियोजना (बांसवाड़ा), 1690 करोड़ रूपए की देवास तृतीय एवं चतुर्थ जल अपवर्तन परियोजना, 601 करोड़ रूपए के नवनेरा बैराज प्रोजेक्ट, 643 करोड़ रूपए की कालीतीर लिफ्ट परियोजना (धौलपुर), 772 करोड़ रूपए की धौलपुर लिफ्ट सिंचाई एवं पेयजल परियोजना (धौलपुर), 615 करोड़ रूपए की ईसरदा परियोजना, 133 करोड़ रूपए की बत्तीसा नाला लघु सिंचाई परियोजना, आबूरोड (सिरोही), बांसवाड़ा में अनास नदी पर गरडिया एनिकट बनाने की 117 करोड़ रूपए की परियोजना, 250 करोड़ रूपए की सालगांव बांध पेयजल परियोजना (आबूपर्वत) 149 करोड़ रूपए की बिलिया आर.डब्लू.आर. परियोजना पोकरण (जैसलमेर) सहित इंदिरा गांधी कैनाल पर एस्केप रिजर्वायर निर्माण आदि की भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा की एवं परियोजना से जुड़े प्रभारी अभियंताओं से विस्तृत जानकारी ली।

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