जालोर. जिले के सायला उपखंड क्षेत्र के सुराणा गांव में एक दलित बच्चे की निजी स्कूल में पिटाई के बाद मौत होने के बाद मामला गरमा गया है (Jalore Dalit Student death Case). आनन फानन में देर रात को जिला कलेक्टर ने जिलेभर में नेट बंदी का आदेश जारी कर दिया. वहीं मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके बच्चे के परिजनों को 5 लाख का मुआवजा देने के साथ केस ऑफिसर स्कीम के तहत न्याय दिलाने की बात कही है (CM Tweets On Jalore Case). जानकारी के अनुसार तीसरी कक्षा में पढ़ने वाले मासूम को मटके से पानी पीने की सजा के तौर पर पीटा गया था.
बच्चे की स्कूल संचालक छैल सिंह ने पिटाई की थी. जिसके बाद से ही बच्चा अस्पताल में भर्ती था और शनिवार को अहमदाबाद के अस्पताल में उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई. सोशल मीडिया में बच्चे के पिता ने न्याय दिलाने की मांग की. वीडियो वायरल होने के साथ ही प्रशासन हरकत में आया और मामले की संवेदनशीलता को भांपते हुए इंटरनेट सेवा प्रतिबंधित कर दी. जिला प्रशासन ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर जिलेभर में नेटबंदी का देर रात को आदेश जारी कर दिया.
मुआवजे का एलान: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी ट्वीट कर मृतक बच्चे के परिजनों को केस ऑफिसर स्कीम के तहत न्याय दिलाने का वादा किया है (Gehlot announces 5 Lakh Compensation). साथ ही 5 लाख की मुख्यमंत्री सहायता कोष से आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी की है. जिसके बाद रविवार को जिला कलेक्टर निशांत जैन, एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल, एडीएम राजेंद्र सहित पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मृतक के घर पहुंचे और परिजनों को मुखमंत्री की संवेदना प्रेषित करते हुए उन्हें सांत्वना दी. एसपी ने बताया कि आरोपी के खिलाफ हत्या और एससी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ़्तार कर लिया गया है. त्वरित अनुसंधान के लिए मामले को केस ऑफ़िसर स्कीम में लिया गया है.
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शिक्षा विभाग ने जांच के लिए गठित की कमेटी: बच्चा सुराणा गांव के ही सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ता था. इस मामले के बाद मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी की ओर से जांच कमेटी बनाई गई है. आदेश में बताया कि सरस्वती विद्या मंदिर सुराणा में एक बच्चे की पिटाई का मामला सामने आया. जिसके बाद पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (PEEO) अशोक कुमार दवे और प्रतापराम को जांच सौंपी गई.
स्कूल संचालक की दबंगई: बच्चे के चाचा किशोर मेघवाल ने बताया की घटना के दिन 20 जुलाई को इंद्र को मेडिकल पर से दवाई दिलाई थी. तब हमे चोट की गंभीरता का अंदाजा नहीं था, दर्द बढ़ता गया तो दो दिन बाद बागोड़ा, भीनमाल गए वहां ठीक से उपचार नहीं होने पर डीसा गए. जंहा डॉक्टर ने एमआरआई की, तो कान के नीचे नस में गहरी चोट बताई गई. जिसके बाद स्कूल संचालक छैल सिंह ने गांव में दबाव बनाकर मात्र डेढ़ लाख रुपए में समझौता करवाया. अब बच्चे की मौत के बाद मामला दर्ज करके आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.
केस ऑफीसर्स स्कीम क्या?: पुलिस विभाग में इस स्कीम के तहत उन प्रकरणों का चयन किया जाता है जो गंभीर प्रकृति हों, जघन्य अपराध हों. इसमें एक केस ऑफिसर नियुक्त किया जाता है, जिसका कार्य उच्च अधिकारियों के निर्देश पर प्रकरण को सफल बनाना यानि आरोपी को सजा दिलवाना होता है. सीएम गहलोत ने इसकी ही बात की है.