टोंक। कृषि विभाग टोंक के तत्वावधान में शनिवार को कृषि विज्ञान केन्द्र वनस्थली में सफेद लट के नियंत्रण हेतु एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण शिविर में कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक केके मंगल ने कहा कि जिले में निवाई ब्लॉक में सर्वाधिक क्षेत्रफल में मूंगफली की बुआई की जाती है, साथ ही सफेद लट एवं कॉलर रॉट की समस्या भी सर्वाधिक है। मंगल ने बताया कि अधिक कीटनाशकों का प्रयोग भी मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, इसलिए हमें जैविक नियंत्रण पर अधिक ध्यान देना होगा, जिसके लिए मूंगफली की फसल में सफेद लट के नियंत्रण के लिए फेरोमोन ट्रैप तथा कॉलर रॉट के नियंत्रण के लिए ट्राइकोडर्मा का उपयोग करना चाहिए। इसका प्रयोग उपयोगी होगा। संयुक्त निदेशक मंगल ने कहा कि प्रगतिशील किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ना जरूरी है। जिससे कम लागत में अधिक उत्पादन के साथ-साथ मानव स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है। मूंगफली की फसल को टिक्का रोग एवं सफेद सड़न रोग से बचाने के लिए कीटनाशकों का प्रयोग कम से कम करना चाहिए। सहायक निदेशक रामपाल शर्मा ने बताया कि मूंगफली खरीफ में उगाई जाने वाली प्रमुख तिलहनी फसल है। मूंगफली की फसल में टिक्का रोग, पत्ती धब्बा और सफेद लट रोग से काफी नुकसान होता है। मूंगफली की फसल को टिक्का रोग एवं सफेद सड़न रोग से बचाने के लिए विभागीय अनुशंसाओं को अपनाएं तथा रसायनों का प्रयोग करते समय दस्ताने, फेस मास्क एवं पूरे कपड़े पहनें।
वरिष्ठ वैज्ञानिक बंशीधर चौधरी ने बताया कि मूंगफली की खड़ी फसल को सफेद लट से बचाने के लिए चार लीटर क्यूनालफॉस 25 ईसी का प्रयोग करना चाहिए. अथवा 300 मि.ली. दें। इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल प्रति हेक्टेयर की दर से सिंचाई के पानी के साथ या कीटनाशक रसायन 80-100 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से सूखी बजरी या खेत की साफ मिट्टी में अच्छी तरह मिलाकर पौधों की जड़ों के आसपास डालें। दें और फिर हल्की सिंचाई करें ताकि कीटनाशक पौधों की जड़ों तक पहुंच जाए। खड़ी फसल में अधिक संख्या में भृंग निकलने के 21 दिन बाद मानसून की पहली बारिश में उपचार करें। बागवानी विशेषज्ञ नरेश अग्रवत के अनुसार मूंगफली में टिक्का रोग के नियंत्रण के लिए कार्बेन्डाजिम आधा ग्राम प्रति लीटर पानी या मैंकोजेब 1.5 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें तथा 10-15 दिन बाद दोबारा छिड़काव दोहराएं। कृषि अधिकारी कजोड़ मल गुर्जर ने कृषि विभागीय योजनाओं की जानकारी दी। और ये हो गया इस अवसर पर सहायक कृषि अधिकारी निवाई ओमप्रकाश जैन, सहायक कृषि अधिकारी मुंडिया प्रधान गुर्जर, सहायक कृषि अधिकारी वनस्थली बिंदिया मीना, सहायक कृषि अधिकारी झिलाय रामजीलाल मीना, श्याम लाल शर्मा, केसरलाल मीना, पूर्व सरपंच रमेश गुर्जर, कैलाश मीना सहित कई किसान मौजूद थे।