गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रही इंदिरा मायाराम का निधन

मंत्री रही इंदिरा मायाराम का निधन

Update: 2022-07-17 04:41 GMT
जयपुर. सांगानेर जैसी भाजपा का गढ़ माने जाने वाली विधानसभा सीट पर दो बार कांग्रेस को जीत दिलाने वाली गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में मंत्री रहीं इंदिरा मायाराम का देर रात निधन हो गया (Indira Mayaram Passes Away). वो 85 बरस की थीं और लम्बे समय से बीमार थीं. इंदिरा मायाराम के बेटे देश के पूर्व वित्त सचिव और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आर्थिक मामलों के सलाहकार अरविंद मायाराम हैं. उन्होंने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
घनश्याम तिवाड़ी को दी थी मात: सांगानेर विधानसभा सीट भाजपा का अभेद्य किला मानी जाती रही. इसे RSS का गढ़ माना जाता रहा है. इसमें भी मायाराम ने सेंध लगाई और दिग्गज घनश्याम तिवाड़ी को हराया. इंदिरा मायाराम ने सांगानेर जैसे आरएसएस का गढ़ माने जाने वाली विधानसभा सीट पर 1993 और 1998 में जीत दर्ज की. एक बार नहीं बल्कि दो बार वो यहां से विधायक रहीं. उनके व्यक्तित्व का ही असर था कि न तो उनके पहले और न उनके बाद कांग्रेस पार्टी को सांगानेर सीट पर जीत मिल सकी है.
गहलोत सरकार में मंत्री: इंदिरा मायाराम 1998 से 2003 तक गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में संस्कृत राज्यमंत्री रहीं. उनके बेटे अरविंद मायाराम 1978 बैच के आईएएस रहे हैं. वो केंद्र सरकार में वित्त सचिव भी रहे और वर्तमान में अरविंद मायाराम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आर्थिक सलाहकार हैं. वो राजस्थान महिला कांग्रेस की अध्यक्ष भी रह चुकी हैं इसके साथ ही वो नेहरू युवा केंद्र बोर्ड के चेयरमैन भी रहीं.
बेटे अरविंद का मार्मिक पोस्ट: अंग्रेजी में लिखे ट्वीट में अरविंद मायाराम ने लिखा है कि - मेरे परिवार का आधार मेरी मां श्रीमती इंदिरा मायाराम जिनमें प्रेम और समर्पण की असीम क्षमता थी. और जिन्होंने बतौर मंत्री महान उपलब्धि हासिल की आज शाम दूसरी दुनिया को फतह करने के लिए हमें छोड़ कर चली गईं. एक शून्यता है, लालसा है और गहरा दुख है-लेकिन मुझे गर्व है कि मैं उनका बेटा हूं.
आज दोपहर बाद होगा अंतिम संस्कार: इंदिरा मायाराम का आज दोपहर बाद लाल कोठी स्थित मोक्षधाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा. उनके अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा सहित कई अन्य लोगों के भी शामिल होने की बात कही जा रही है. इससे पहले उनके निधन का समाचार सुनकर कांग्रेस के कई कार्यकर्ता और नेता अंतिम दर्शनों के लिए उनके आवास पहुंचे.

Source: etvbharat.com

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