हिटवेव की स्थिति को देखते हुए जिला कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए आवश्यक निर्देश

Update: 2024-05-23 12:28 GMT
जालोर । जिला कलक्टर पूजा पार्थ ने जिले में हिट वेव की स्थिति को देखते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी व प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को हिटवेव से प्रभावित रोगियों को समयबद्ध उपचार उपलब्ध करवाने एवं बचाव के लिए आवश्यक प्रबंधन सुनिश्चित करने को लेकर निर्देशित किया है।
जिला कलक्टर पूजा पार्थ ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को सभी अस्पतालों में लू-तापघात के रोगियों के लिए गाइडलाइन अनुसार बैड आरक्षित रखते हुए वहां कूलर व शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, संस्थान में रोगी के उपचार के लिए आपातकालीन किट में ओरआरएस, ड्रिपसेट, फ्लूड एवं आवश्यक दवाईयां रखने के निर्देश दिए हैं।
उन्होंने श्रमिकों को तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार ठंडे स्थान, शीतल पेयजल, नींबू पानी, कूलर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होने लू के लक्षण प्रतीत होने पर तुरंत प्राथमिक उपचार करते हुए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाने के निर्देश दिए।
जिला कलक्टर ने श्रम विभाग को कारखानों में हीटवेव से बचाव के लिए किये गये प्रयासों की जांच कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने मनरेगा श्रमिकों के कार्य स्थल पर ओआरएस, मेडिकन किट समेत आवश्यक दवाएँं, पर्याप्त छाया, शीतल जल की व्यवस्था सुनिश्चित करनें के निर्देश दिए।
नगर परिषद द्वारा गर्मी से राहत के लिए सड़कों पर किया जा रहा पानी का छिड़काव
जिला कलक्टर के निर्देशानुसार जिला मुख्यालय पर गर्मी से राहगीरों को राहत प्रदान करने के लिए नगर परिषद जालोर द्वारा पानी के टैंकरों द्वारा पानी का छिड़काव किया जा रहा है।
गुरूवार दोपहर को जालोर शहर की मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव कर राहगीरों को गर्मी से राहत प्रदान की गई।
लू-तापघात से बचाव के लिये ये सावधानियां बरतें
- बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों से बचें, रेल बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें।
-बिना भोजन किये बाहर न निकलें। भोजन करके एवं पानी पी कर ही बाहर निकलें।
-सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग हरगिज ना करें।
-गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिये से ढक कर ही धूप में निकलें। रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें।
-गर्मी मे हमेशा पानी एवं पेय पदार्थो जैसे नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करते रहें।
-अकाल राहत कार्यों पर अथवा श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया एवं पानी का पूर्ण प्रबन्ध रखा जावे, ताकि श्रमिक थोडी-थोडी देर में छायादार स्थानों पर विश्राम कर सकें।
-कार्बोनेटेड सॉफ्ट ड्रिंक से बचें।
लू तापघात के लक्षण
शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू व तापघात निम्नांकित लक्षणों के द्वारा प्रभावी होता है-
-सिर का भारीपन व सिरदर्द।
-अधिक प्यास लगाना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट।
-जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढ़ना (105 एफ या अधिक)।
-पसीना आना बंद होना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना।
-अत्यधिक प्यास का लगना, बेहोशी जैसी स्थिति का होना।
क्या है लू तापघात
चिकित्सकीय दृष्टि से लू तापघात के लक्षण लवण व पानी की आवश्यकता व अनुपात विकृति के कारण होती है। मस्तिष्क का एक केंद्र जो मानव के तापमान को सामान्य बनाए रखता है, काम करना छोड़ देता है। लाल रक्त कोशिकाएं रक्त वाहिनियों में टूट जाती हैं व कोशिकाओं में जो पोटेशियम लवण होता है वह रक्त संचार में आ जाता है जिससे ह््रदय गति, शरीर के अन्य अंग व अवयव प्रभावित होकर लू तापघात के रोगी को मौत के मुंह में धकेल देते हैं।
लू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जावे एवं हवा करें। व्यक्ति को तुरंत ठंडा पानी, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी, कच्चे आम का पना जैसे पेय पदार्थ पिलाएं। पानी व बर्फ से शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें फिर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं।
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