Narak Chaturdashi पर दीपक जलाने का महत्व और शुभ मुहूर्त

Update: 2024-10-30 13:20 GMT
Narak Chaturdashi राजस्थान न्यूज: हिंदू धर्म में दिवाली के त्योहार का विशेष महत्व है। आपको बता दें कि दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी का व्रत रखा जाता है। यह व्रत हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन दीपदान का विशेष महत्व है और भगवान श्री कृष्ण, यमराज जी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि नरक चतुर्दशी के दिन पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं कि छोटी दिवाली कब मनाई जाएगी और इस दिन
का क्या महत्व है?
छोटी दिवाली 2024 तारीख
वैदिक पंचांग के अनुसार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 30 अक्टूबर को दोपहर 01:20 बजे हो रहा है और यह तिथि 31 अक्टूबर को दोपहर 03:50 बजे समाप्त होगी. नरक चतुर्दशी के दिन सुबह किए जाने वाले अभ्यंग स्नान का विशेष महत्व होता है, इसलिए इस वर्ष नरक चतुर्दशी व्रत या छोटी दिवाली 31 अक्टूबर 2024, गुरुवार को मनाई जाएगी। इस दिन अभ्यंग स्नान का समय प्रातः 05:25 बजे से प्रातः 06:30 बजे के बीच रहेगा.
नरक चतुर्दशी 2024 शुभ मुहूर्त
नरक चतुर्दशी पर सुबह की पूजा का शुभ समय सुबह 05:15 बजे से सुबह 06:32 बजे तक रहेगा. इसके साथ ही संध्या पूजा का सही समय शाम 05:35 बजे से शाम 06:50 बजे के बीच रहेगा. अभिजीत मुहूर्त दान के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जो इस दिन सुबह 11:40 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक रहेगा। शास्त्रों में कहा गया है कि नरक चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान-ध्यान करना लाभकारी होता है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त का समय प्रातः 04:50 बजे से प्रातः 05:40 बजे तक रहेगा।
नरक चतुर्दशी और छोटी दिवाली का क्या महत्व है?
शास्त्रों में कहा गया है कि नरक चतुर्दशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और 16000 स्त्रियों को उसकी कैद से मुक्त कराया था। इसलिए इस खास दिन पर पूजा-पाठ के साथ-साथ इस दिन दीपदान का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन चौमुखी दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कम होता है। नरक चतुर्दशी के दिन यमराज जी की पूजा का भी विशेष महत्व है, जिससे आरोग्य और धन का आशीर्वाद मिलता है।
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