दरगाह में हिंदू धार्मिक चिह्न है तो 850 साल से सवाल क्यों नहीं उठा: मुस्लिम पदाधिकारी

राजस्थान की अजमेर दरगाह के मंदिर होने दावे को लेकर विवाद शुरू हो गया है। महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने पुरातत्व विभाग से दरगाह का सर्वे करवाने की मांग की है।

Update: 2022-05-26 15:40 GMT

राजस्थान की अजमेर दरगाह के मंदिर होने दावे को लेकर विवाद शुरू हो गया है। महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने पुरातत्व विभाग से दरगाह का सर्वे करवाने की मांग की है। इसे लेकर उन्होंने सीएम अशोक गहलोत को पत्र भी लिखा है।

इधर दरगाह की अंजुमन सैयद जादगान के पदाधिकारियों ने परमार की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा, विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह सांप्रदायिक सौहार्द की निशानी है। मुस्लिमों के साथ-साथ हिंदू भी यहां हाजिरी लगाने आते हैं।
अंजुमन सैयद जादगान कमेटी के सचिव सैयद वाहिद हुसैन अंगारा ने कहा, इस तरह के बयान रोजमर्रा की बात है। ऐसे बयान देश में अराजकता फैलाने के लिए दिए जा रहे हैं। अंगारा ने कहा, दरगाह में इस तरह की कोई जगह नहीं थी और न है। उन्होंने कहा कि सरकार से देश में अशांति फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई करे।
अंजुमन सैयद जादगान के सदर सैयद मोइन हुसैन चिश्ती ने कहा, हमारा देश सूफी संतों का देश है। दरगाह को लेकर फैलाई जा रहीं बातें गलत हैं। गरीब नवाज का दरबार करोड़ों लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं। उन्होंने कहा, इस तरह की बातें फैलाने वाले मुट्ठी भर लोग हैं, जो देश में अराजकता फैलाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, 850 सालों से यह दरबार है। पूर्व पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चादर और फूल दरगाह में पेश करते हैं। ऐसे बयानों को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, अगर दरगाह में हिंदू धार्मिक चिह्न होता तो अब तक सवाल क्यों नहीं उठा ? हुसैन चिश्ती ने कहा कि पुरातात्विक विभाग द्वारा दरगाह की जांच करना सरकार का विषय है, लेकिन हम इस बात को सिरे से नकारते हैं।
अजमेर दरगाह दीवान सैयद जैनुअल आबेदीन अली खां के बेटे नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा, 850 साल से गरीब नवाज की दरगाह हिंदू और मुसलमानों की आस्था का केंद्र है। इस दरबार से हमेशा अमन और मोहब्बत का पैगाम दिया गया है। सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए इस तरह का दावा किया गया है। दरगाह शुरू से ही अमन और मोहब्बत का पैगाम देती आई है और आगे भी देती रहेगी।









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