जोधपुर: सिरोही जिले की पिंडवाड़ा तहसील के गावों व मोहल्लों मे सिलिकोसिस बीमारी से होने वाली मौतों को लेकर मानवाधिकार आयोग ने स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है। आयोग के अध्यक्ष जस्टिस जीके व्यास ने मामले में प्रसंज्ञान लेते हुए जिला कलेक्टर सिरोही को मामले की जांच करके रिपोर्ट के साथ 21 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित रहने के निर्देश दिए हैं।
वहीं, आयोग ने निदेशक विशेष योग्यजन व खनिज अभियंता खान विभाग से पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट भी मांगी हैं। इन दोनों विभागों को आगामी तारीख से पहले पूरे प्रकरण की जांच करके तथ्यात्मक रिपोर्ट आयोग को भेजने के निर्देश दिए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लिया प्रसंज्ञान
दरअसल, आयोग ने मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर पूरे मामले में स्वप्रेरित प्रसंज्ञान लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सिरोही जिले के पिंडवाड़ा तहसील के रीणाधरा गांव व मेघवालवास मोहल्ले में सिलिकोसिस बीमारी से 10 साल में 50 से ज्यादा मौते हो चुकी हैं। जिसके कारण राणीधरा गांव में तो हर घर में एक विधवा महिला हैं। वहीं इनके पास कोई सरकारी मदद भी नहीं पहुंची। जिसके कारण महिलाएं मजदूरी करके ही अपने परिवार का पेट पालने को मजबूर हैं।
वहीं मेघवालवास मोहल्ले में भी हाल कुछ इसी तरह के हैं। यहां भी एक के बाद एक 40 मौतें हो चुकी हैं। वहीं यहां कई मरीज ऐसे हैं। जो 7-8 सालों से बिस्तर पर पड़े हुए हैं। इन्हें मिलने वाली सरकारी मदद भी नाकाफी हैं। जिसके कारण यह भी दयनीय जीवन जीने को मजबूर हैं। आयोग ने प्रथमदृष्ट्या इसे मानवाधिकार हनन माना हैं।