करौली। करौली कस्बे के कोठी वाले बालाजी की महिमा बड़ी निराली है|यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। गांव के बीचों-बीच बना मंदिर ग्रामीणों की आस्था का धाम है। मंदिर परिसर से चारों और तक फैला सौंदर्य श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। मंदिर के पुजारी मिथलेश गौतम ने बताया कि प्रतिवर्ष नवरात्र के नौ दिनों में हजारों श्रद्धालु यहां दर्शनार्थ पहुंचते है। अनेक लोग अपनी मांगी गई मुराद पूरी होने पर पैदल ही यहां तक पहुंचकर बालाजी के दर्शन कर चढ़ावा चढ़ाते हैं। ग्रामीणों ने बताया कि कोठी (कुएं) की खुदाई के समय हनुमानजी की मूर्ति निकली थी। जिसके कारण इसे कोठी वाले बालाजी के नाम से जाना जाता है।वैसे तो मंदिर में भक्तों का आना जाना लगा रहता है।लेकिन नवरात्रि के अवसर पर इस मंदिर में हजारों की संख्या में लोग दर्शन करने पहुंचते हैं। कोठी वाले हनुमानजी पर मंगलवार व शनिवार को सवामनी होती रहती है।भक्तो द्वारा मांगी गई मनोकामना पूरी होने पर भक्त यहां सवामनी करते हैं। कोठी वाले बालाजी पर हर साल दशहरे के दिन छप्पन भोग लगता है।इस मंदिर में डेकोरेशन की सजावट की जाती है।भजन कीर्तन करते हुए लोग हनुमान चालीसा एवं सुंदरकांड का पाठ करते हैं। जिससे वातावरण भक्तिमय हो जाता है। इस दिन हजारों की संख्या में लोग दर्शन के लिए मंदिर में आते हैं। कोठी वाले बालाजी मंदिर पर पिछले 16 सालों से अखंड रामायण का पठन जारी है। अखंड रामायण की जिम्मेदारी मंदिर के पुजारी के साथ ग्रामीणों ने ले रखी है। कस्बे के कोठी वाले बालाजी मंदिर के प्रांगण में हनुमान जयंती के अवसर पर रात्रि विशाल भजन का आयोजन किया जाएगा।