ऐसे तो कैसे कर पाएंगे हम सफाई में इंदौर की बराबरी, सड़क पर कचरा-गंदगी का ढेर

Update: 2022-12-28 13:56 GMT

कोटा न्यूज़: केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से हर साल होने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण अगले साल की पहली तिमाही में फिर से होने वाला है। लेकिन शहर में जिस तरह से कचरे के ढेर सड़कों पर नजर आ रहे हैं उससे नगर निगम के अधिकारी अगले साल रैकिंग में सुधार की उम्मीद लगाए हुए हैं। जबकि पिछले सात साल में भी कोटा देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर की बराबरी सफाई के मामले में नहीं कर सका है। नगर निगम का मुख्य काम शहर को साफ रखना है।शहर के हर गली मौहल्ले से लेकर मुख्य मार्ग तक की सफाई का जिम्मा निगम का ही। शहर में पहले जहां एक ही नगर निगम थी। शुरुआती बोर्ड में वार्ड व पार्षद भी 60 ही थे। लेकिन शहर की बढ़ती आबादी व विकास के साथ ही यहां परिसीमन होता गया और निगम का क्षेत्र व वार्ड भी बढ़ते गए। वार्डों की संख्या बढ़कर 65 हो गई थी। लेकिन वर्तमान में कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण दो नगर निगम बन गए हैं। पूरे शहर को सफाई व निगम की व्यवस्था की दृष्टि से दो भागों में बांट दिया गया। वार्डों को छोटा कर उनकी संख्या भी पहले से ढाई गुना अधिक कर 150 कर दी गई है। दोनों नगर निगमों में कोटा उत्तर, कोटा दक्षिण, लाड़पुरा व रामगंजमंडी चार विधानसभाओं के वार्ड आ रहे हैं। कोटा उत्तर में 70 और कोटा दक्षिण में 80 वार्ड हैं। इससे पार्षदों की संख्या भी बढ़ गई है। इसका मकसद शहर को साफ रखना है। लेकिन हालत यह है कि इतना सब कुछ करने के बाद शहर में उतनी सफाई नजर नहीं आ रही है जितने प्रयास हो रहे हैं।

तीन साल पहले अधिकारियों ने किया था इंदौर शहर का दौरा: नगर निगम कोटा के अधिकारियों की टीम ने तीन साल पहले दिसम्बर 2019 में इंदौर शहर का दौरा किया था। इस दौरान टीम ने वहां की सफाई व्यवस्था, निगम के काम करने की तरीके, ट्रेचिंग ग्राउंड की व्यवस्था, बाजारों में होने वाली रात्रि कालीन सफाई को देखा। इसके अलावा शहर की सड़कों पर कचरा तलाश किया लेकिन उन्हें कचरा कहीं भी नजर नहीं आया। अधिकारियों का कहना है कि ट्रेचिंग ग्राउंड तक में कचरा नजर नहीं आया। वहां भी गार्डन बना हुआ है। लोग घूमने आते हैं। जबकि कोटा के ट्रेचिंग ग्राउंड में कचरे के पहाड़ लगे हुए हैं। जहां जाना मतलब दुर्गंध और बीमारी को गले लगाना है। पिछले साल की रैकिंग में भी कोटा दक्षिण की तुलना में उत्तर की रैकिंग अधिक खराब थी। राज्य में कोटा दक्षिण चौथे स्थान पर और कोटा उत्तर 23 वें स्थान पर था।

घरों से उठ रहा कचरा लेकिन सेग्रीकेट नहीं: नगर निगम द्वारा टिपरों के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। हर वार्ड में दो से तीन टिपर घरों से कचरा एकत्र कर रहे हैं। उसके बाद कचरा पाइंट से ट्रेक्टर ट्रालियों से कचरा ट्रांसफर स्टेशन तक जा रहा है। वहां से डम्परों व कंटेनरों से नांता स्थित ट्रेचिंग ग्राउंड तक पहुंचाया जा रहा है। लेकिन हालत यह है कि टिपरों में गीला सूखा कचरा अलग-अलग करने की व्यवस्था नहीं है।

सफाई कर्मियों की नहीं कमी:

दो नगर निगम बनने के बाद नगर निगम, स्मार्ट सिटी व राज्य सरकार के स्तर पर दोनों निगमों में सफाई के संसाधनों व सफाई कर्मियों की कोई कमी नहीं रखी गई है। वर्तमान में टिपरों से लेकर सुपर सकर मशीन तक, रोड स्वीपर से लेकर सीवरेज सफाई की छोटी-बड़ी मशीनें तक निगम के बेड़े में शामिल हैं।

नगर निगम द्वारा घरों से कचरा एकत्र करना अच्छा प्रयास है। इससे सड़कों पर कचरा नहीं डालना पड़ रहा। लेकिन निगम के अधिकारी सर्वेक्षण की टीम के आने से कुछ दिन पहले ही चेतते हैं। यदि पूरे साल सफाई पर ध्यान दें तो न केवल रैकिंग में सुधार होगा वरन् शहर में सफाई भी नजर आएगी।

- राजेश्वरी देवी, डीसीएम

इंदौर शहर में लोग जागरूक हैं। जबकि कोटा में लोग नगर निगम के भरोसे रहते हैं। नगर निगम को लोगों में जागरूकता का अभियान चलाना चाहिए। पूरे साल इंदौर की सफाई व्यवस्था को शहर वासियों को दिखाना चाहिए। जिससे लोग भी अपने स्तर पर शहर को साफ रख सकें।

- राजेन्द्र सिंह, भीमगंजमंडी

नगर निगम अपने स्तर पर शहर को साफ रखने के हर संभव प्रयास कर रहा है। टिपरों से कचरा घरों से लिया जा रहा है। दो आधुनिक ट्रांसफर स्टेशन तैयार करवाए जा चुके हैं। अधिकतर कचरा पाइंट खत्म कर दिए गए हैं। सड़क पर कम से कम कचरा डले इसके प्रयास किए जा रहे हैं। ट्रेचिंग ग्राउंड पर बरसों से जमा खचरे के सेग्रीकेशन का कार्य किया जा रहा है। आवश्यकता लोगों को जागरूक करने की है। लोग स्वयं समझेंगे तभी निगम के प्रयासों का परिणाम नजर आएगा। अगले महीने लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना है।

- पवन मीणा, अध्यक्ष सफाई समिति नगर निगम कोटा दक्षिण

स्वच्छता सर्वेक्षण तो अगले साल होगा। उससे पहले ही नगर निगम पूरे साल सफाई पर फोकस करके अपने स्तर पर शहर को साफ कर रहा है। लेकिन सफाई के साथ ही रैकिंग में भी सुधार हो उसके लिए सफाई महकमे के अधिकारियों व निरीक्षकं की बैठक लेकर निर्देश जारी किए जा चुके हैं। अलग-अलग अधिकािरयों को सड़कों के साथ ही शौचालयों की सफाई तक की जिम्मेदारी दी जा चुकी है। हर वो काम किए जा रहे हैं जिससे रैकिंग में भी सुधार हो।

- वासुदेव मालावत, आयुक्त नगर निगम कोटा उत्तर  

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