जयपुर में अकाउंट ऑफिसर कैसे ऑफिस से बिल्कुल अलग रास्ते पर पहुंचा, हादसा या साजिश?
अलग रास्ते पर पहुंचा, हादसा या साजिश?
जयपुर में मंगलवार सुबह करीब 10.25 बजे कार के साथ उपभोक्ता विभाग में अकाउंट ऑफिसर राहुल चौधरी (35) जिंदा जल गए। शव मंगलवार को ही पोस्टमार्टम कर परिजनों को सौंप दिया गया। वहीं, पुलिस और एफएसएल की टीम अब भी मौत की वजह नहीं बता पाई है। राहुल की मौत हादसा है या कोई साजिश। पुलिस इसमें उलझ गई है। अब पुलिस ने राहुल की मोबाइल नंबर की सीडीआर (कॉल डीटेल रिकॉर्ड) निकाली है।
सीडीआर रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस को पता चलेगा की आखिर समय में राहुल किस से बात कर रहा था। क्यों पत्नी को खातीपुरा स्थित अस्पताल छोड़ने के बाद राहुल रेलवे स्टेशन के पास स्थित ऑफिस जाने के बजाय कालवाड़ पहुंच गया। अस्पताल से घटनास्थल पर पहुंचने में डेढ़ घंटा कैसे लगा? पुलिस इन सभी बातों की जांच में जुटी है।
सीडीआर खोलेगी राहुल चौधरी की मौत का राज
कालवाड़ थाना सीआई धरम सिंह चौधरी ने बताया- राहुल पत्नी माया को लेकर खातीपुरा स्थित घर से सुबह करीब 9 बजे निकला था। राहुल ने पत्नी को खातीपुरा के एक निजी अस्पताल में आंखों की जांच करने के लिए छोड़ा। पत्नी को कहा- वह अब सीधे रेलवे स्टेशन स्थित अपने ऑफिस जा रहा है। राहुल ने करीब सवा 9 बजे पत्नी को अस्पताल में उतारा था। सवा 9 बजे राहुल चौधरी खातीपुरा से निकला। 10.25 पर उसकी कार में आग लगी। इससे उसकी मौत हो गई।
राहुल की पत्नी माया मौके पर पहुंची। उन्होंने गाड़ी की पहचान की।
राहुल की पत्नी माया मौके पर पहुंची। उन्होंने गाड़ी की पहचान की।
पुलिस को कार में आग लगने की जानकारी 10.32 बजे मिली। इसके बाद दमकल और पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस जांच कर रही हैं कि सवा 9 बजे से 10.25 बजे के बीच में राहुल कहां रहा। वह इस दौरान किन लोगों से मिला। क्योंकि खातीपुरा से घटनास्थल तक पहुंचने में अधिक से अधिक 30 से 40 मिनट लगते हैं। वहीं, पुलिस ने कालवाड रोड़ पर लगे हुए सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है। क्या राहुल चौधरी घटनास्थल से पहले किसी से मिला तो नहीं था। अगर मिला था तो वह कौन था।
राहुल पत्नी को बोलकर निकला कि ऑफिस जा रहा हूं। ऐसे में वह कालवाड़ क्यों गया? इन सभी सवालों के जवाब पुलिस को सीडीआर से मिलने वाले हैं। आज रिपोर्ट आने पर पुलिस जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा।
गाड़ी के केबिन में ही राहुल आग में जिंदा जल गया।
गाड़ी के केबिन में ही राहुल आग में जिंदा जल गया।
परिवार की ओर से नहीं दी गई कोई रिपोर्ट
वहीं, मृतक राहुल चौधरी के परिवार की ओर से किसी भी प्रकार की कोई रिपोर्ट पुलिस को नहीं दी गई है। पोस्टमार्टम के बाद राहुल के शव को परिजन अपने गांव लेकर निकल गए। परिवार भी इस घटना को लेकर सदमे में हैं। वह खुद भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हैं। राहुल शुरू से ही पढाई में अच्छा था। इसलिए परिवार ने हमेशा उसका साथ दिया। राहुल के दो भाई भी हैं। दोनों अच्छी नौकरी कर रहे हैं। राहुल पत्नी माया को टीचर बनाने के लिए पढ़ा रहा था।
दुर्घटना-साजिश कुछ भी स्पष्ट नहीं
पुलिस का कहना है कि क्राइम सीन पर जब पहुंचे तो शॉर्ट सर्किट से आग लगने का कारण समझ में आ रहा था। बोलेरो में अगर आग भी लगी होगी तो चालक को बचने के लिए काफी जगह है। अगर गाड़ी के लॉक भी बंद हो जाएं तो भी कार में इतनी जगह होती है कि कार के शीशे तोड़ कर बाहर निकला जा सकता है।