Hindustan Zinc लगातार दूसरी बार विश्व की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी

Update: 2025-01-02 18:08 GMT
Bhilwara: भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड ने एसएण्डपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट के 2024 संस्करण में लगातार दूसरे साल वैश्विक स्तर पर पहला स्थान प्राप्त किया। कंपनी ने 86 अंक प्राप्त करके 248 अन्य कंपनियों से बेहतर प्रदर्शन किया, जो रेस्पोंसिबल और सस्टेनेबल मैन्यूफेक्चिरिंग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। एसएण्डपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट एन्वायरमेंटल, सौशियल एण्ड गर्वनेन्स प्रदर्शन का आकलन करने के लिए दुनिया के सबसे प्रमुख मानदंडों में से एक है। यह ईएसजी मानदंडों के आधार पर कंपनियों का मूल्यांकन करता है, जो उनकी सस्टेनेबल कार्यप्रणाली का व्यापक दृष्टिकोण प्रदान करता है। ये रैंकिंग कंपनियों के लिए उनके ईएसजी (म्ैळ) प्रदर्शन का आकलन करने एवं इसे मजबूत करने के क्षेत्रों की पहचान करने और ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी स्टेण्डर्डस के साथ संरेखित करने के लिए महत्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है। गत वर्ष, 
हिंदुस्तान जिंक
 ने 85 अंकों के साथ 2023 के मूल्यांकन के अनुसार मेटल और माइनिंग उद्योग में वैश्विक स्तर पर पहला स्थान हासिल किया था। इस वर्ष, हिंदुस्तान जिंकने क्लाईमेट स्ट्रेटेजी, कम्यूनिटी रिलेशंस, वेस्ट एण्ड पोल्यूटेंट्स जैसे प्रमुख मापदंडों में उच्चतम अंक हासिल किए।
ये उपलब्धियाँ पर्यावरण संरक्षण, सामुदायिक विकास, नैतिक शासन और नवाचार के संयोजन के साथ सस्टेनेबिलिटी के लिए कंपनी के एकीकृत और दूरदर्शी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। एनर्जी ट्रान्जिशन मेटल कंपनी के रूप में, 
हिंदुस्तान जिंक, जिं़क और चांदी जैसी महत्वपूर्ण धातुओं का उत्पादन करती है जो सस्टेनेबल भविष्य के लिए आवश्यक है। कंपनी भारत में 75 प्रतिशत से अधिक प्राथमिक जिं़क बाजार पर प्रभुत्व रखती है, यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी चांदी उत्पादक भी है। ग्लोबल एनर्जी ट्रान्जिशन को आगे बढ़ाते हुए वैश्विक कंपनियों को अपनी मूल्य श्रृंखलाओं को डीकार्बाेनाइज करने में जिंक और चांदी महत्वपूर्ण हैं। हिंदुस्तान जिंक 2050 तक या उससे पहले नेट जीरो हासिल करने की ओर अग्रसर है। कंपनी अपने ऊर्जा उपयोग में रिन्यूएबल एनर्जी की मात्रा बढ़ाकर अपने परिचालन को डीकार्बाेनाइज करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, 2027 तक अपनी ऊर्जा जरूरतों के 70 प्रतिशत के लिए रिन्यूएबल एनर्जी स्रोत के लिए प्रतिबद्ध है, ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए परिचालन क्षमता बढ़ाने और स्वच्छ ईंधन और इलेक्ट्रिक वाहनों में बदलाव करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्ष 2024 की शुरुआत में, 
हिंदुस्तान जिंक
 को रिन्यूएबल एनर्जी प्राप्त होना शुरू हो गयी थी, जिसका उपयोग एशिया के पहले कम कार्बन वाले ग्रीन जिंक इकोजेन के उत्पादन में किया गया था।
इस उपलब्धि पर हिंदुस्तान जिंकलिमिटेड की चैयरपर्सन और वेदांता लिमिटेड की गैर-कार्यकारी निदेशक प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा कि, हमें मेटल और माइनिंग क्षेत्र में वैश्विक अग्रणी के रूप में मान्यता प्राप्त होने पर गर्व है, जो हमारे व्यवसाय के हर पहलू में सस्टेनेबिलिटी को एकीकृत करने के लिये किये गये हमारें प्रयासों को दर्शाता है। कम कार्बन वाले जिंक से लेकर सर्कुलर इकोनॉमी संचालन तक, हम सभी के लिए सस्टेनेबल भविष्य बनाने पर आधारित हैं। यह मान्यता हमें सकारात्मक बदलाव े के लिए प्रेरित करती है, यह सुनिश्चित करते हुए कि हमारे संचालन से न केवल व्यवसाय को, बल्कि समुदायों और पर्यावरण को भी लाभ हो। कंपनी के लिए ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों पर निर्भरता कम करना रणनीतिक अनिवार्यता है, जिससे हर प्रक्रिया चरण में कार्बन उत्सर्जन कम हो। इस फोकस के परिणामस्वरूप, 
हिंदुस्तान जिंक
 ने उत्पादन मात्रा में वृद्धि करते हुए वर्ष 2020 के आधार पर वित्त वर्ष 24 में अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन की तीव्रता को 14 प्रतिशत तक कम कर दिया है। अपने स्थिरता प्रयासों को और मजबूत करते हुए, उत्तराखंड में कंपनी का पंतनगर प्लांट 100 प्रतिशत रिन्यूएबल एनर्जी पर संचालित है। इसके अतिरिक्त, भूमिगत खदानों में बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों और सर्कुलर इकोनॉमी कार्यप्रणाली को अपनाने जैसी पहल पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए कंपनी के चल रहे प्रयासों को दर्शाती हैं। कंपनी को जल सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन में अपने अनुकरणीय प्रयासों के लिए कार्बन डिस्क्लोजर प्रोजेक्ट से प्रतिष्ठित लीडरशिप बैंड ए-पदनाम भी मिला है।
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