जालोर। राजस्थान के बूंदी के बाड़मेर में पारा 40 के पार पहुंचने के साथ ही गर्मी तेज होने लगी है. संभावना है कि अगले एक-दो दिन में पारा और बढ़ेगा। इधर, पश्चिमी राजस्थान के ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सिस्टम के सक्रिय होने से अगले तीन दिनों तक सुबह-शाम गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं। वहीं, कुछ इलाकों में हल्के बादलों के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है। पिछले 24 घंटों की रिपोर्ट पर नजर डालें तो चित्तौडग़ढ़, प्रतापगढ़, बाड़मेर, जालौर क्षेत्र में हल्की बारिश और ओलावृष्टि भी हुई. बाड़मेर के ग्रामीण क्षेत्रों में कहीं-कहीं ओले भी गिरे और 2 से 6 मिमी तक बारिश हुई। वहीं, प्रदेश के बाकी हिस्सों में मौसम शुष्क बना रहा और दिन भर धूप के साथ उमस बनी रही।
आज भी प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में सुबह से ही मौसम पूरी तरह से शुष्क बना हुआ है. हालांकि दोपहर बाद गंगानगर, हनुमानगढ़ के अलावा पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में मौसम में बदलाव हो सकता है। दोपहर में तेज धूल भरी हवा के साथ कहीं-कहीं हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है। इधर, अरब सागर में एक चक्रवाती परिसंचरण (चक्रवाती हवाओं की प्रणाली) बना, जो बाद में चक्रवात का रूप ले सकता है। राजस्थान पर इसका असर कम दिखाई देगा। जानकारों के मुताबिक इस सिस्टम का असर वेस्ट कोस्ट केरल, गोवा, महाराष्ट्र और गुजरात के कुछ हिस्सों में देखा जा सकता है. क्योंकि इस सिस्टम के आगे बढ़ने के बाद ओमान की तरफ मुड़ने की संभावना काफी ज्यादा है, जिससे राजस्थान में इसका असर काफी तेज होने की संभावना है। राजस्थान में मानसून में देरी का एक कारण यह चक्रवात भी होगा। यह चक्रवात दक्षिण-पश्चिम मानसून की गति को कुछ समय के लिए रोकेगा। इससे महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान सहित मध्य भारत में मानसून के प्रवेश में देरी होगी।