133 अनुपयोगी कानूनों को खत्म करेगी सरकार, इसी सत्र में होगा बिल पेश

Update: 2023-02-17 14:38 GMT

जयपुर: राज्य में 133 अनुपयोगी कानूनों को खत्म किया जाएगा। इन्हें निरस्त करने के लिए विधानसभा के इसी बजट सत्र में बिल पेश होगा। विधानसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ के प्रदेश में विधि आयोग के गठन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में विधि एवं विधिक कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट सब कमेटी की अनुशंषा पर राज्य में वर्तमान में प्रचलित कानूनों की समीक्षा तथा इनके सरलीकरण के लिए विशिष्ट शासन सचिव विधि की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की थी। समिति ने 650 विद्यमान कानूनों की समीक्षा के बाद 295 रिपील किए जा सकने वाले कानूनों की पहचान की। इनमें से 133 कानूनों को निरस्त करने की प्रशासनिक स्वीकृति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि विभिन्न विभागों से संबंधित अधिनियमों का परीक्षण किया जाकर अधिनियमों को समाप्त करने का निर्णय लिया। इससे संबंधित विधेयक शीघ्र ही विधानसभा के समक्ष विचारार्थ लाया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से स्टेट लिटिगेशन पॉलिसी-2018 बनाई गई है, जिसमें मुकदमों को कम करने के प्रावधान किए हैं।

आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस जारी करने का कलक्टर को अधिकार :

धारीवाल ने एक अन्य सवाल के जवाब में कहा कि आत्मरक्षा के लिए हथियार लाइसेंस जारी करने के आवेदनों को स्वीकृत अथवा निरस्त करने का अधिकार जिला कलक्टर को होता है। पुलिस अधीक्षक, सीआईडी, तहसीलदार और वन विभाग से रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद कलक्टर लाइसेंस जारी करने के संबंध में निर्णय लेता है। कलक्टर को रिपोर्ट पेश करने का समय तीस दिन तय है। यदि किसी कारणवश आवेदक अयोग्य हो, विकृत चित्त का हो, 21 वर्ष से कम उम्र का हो, उसके विरुद्ध किसी प्रकार का आपराधिक प्रकरण विचाराधीन हो, अग्नि आयुध रखने के लिए मना किया गया हो या किसी अपराध के लिए दोषी सिद्ध किया गया हो सहित अन्यकिसी सुरक्षा कारणों से यदि कलक्टर अनुज्ञापत्र निरस्त करना उचित समझता है तो आवेदन को निरस्त कर दिया जाता है। इससे पहले विधायक नारायण बेनीवाल ने नागौर जिले में हथियार लाइसेंस के लंबित आवेदन को लेकर सरकार से जानकारी लेनी चाही।

पूर्व और मौजूदा शिक्षा मंत्री आमने-सामने :

प्रश्नकाल के दौरान पूर्व शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी ने माध्यमिक शिक्षा में स्टॉफिंग पैटर्न का मामला उठाते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के समय में क्या पूर्ववर्ती सरकार का स्टॉफिंग पैटर्न जारी रखा है या फिर उसमें कोई बदलाव किया है? जवाब में शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने कहा कि 30 अप्रैल, 2015 के आदेश के अनुसार शिक्षण व्यवस्था में स्टाफिंग पैटर्न लागू हुआ था। इस पैटर्न की समय-समय पर समीक्षा हुई और उसी आधार पर क्रमोन्नत हुए स्कूलों में भर्तियां कर स्टाफ उपलब्ध कराया गया। अब तक जो स्कूल क्रमोन्नत हुए हैं, उनमें 61,984 नए पद सृजित हुए हैं, जबकि 90 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रियाधीन है। मंत्री ने आश्वस्त किया कि जिन भी स्कूलों में स्टाफ की कमी की जानकारी मिलेगी, उन्हें जल्द भरा जाएगा।

एमएलए-एमपी के पत्रों का जवाब नहीं देने वालों पर होगा एक्शन :

विधायक हमीर सिंह के सवाल के जवाब में प्रशसनिक सुधार व समन्वय मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने कहा कि विधायकों एवं सांसदों के लिखे पत्रों का जवाब नहीं देने तथा उन्हें सार्वजनिक अथवा राजकीय लोकार्पण या उद्घाटन समारोहों में आमंत्रित नहीं करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी। इस संबंध में किसी जनप्रतिनिधि से शिकायत मिलने पर उसकी जांच कराई जाएगी। एआरडी की ओर से पहले ही परिपत्र जारी किया हुआ है। अब तक इस संबंध में 2021 में 20 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 17 निस्तारण तथा 2022 में प्राप्त शिकायतों में से आठ का निस्तारण कर दिया है।

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