Kota: मंत्री ने समस्या समाधान शिविर में सुनी समस्याएं, दिए निस्तारण के निर्देश
Kota कोटा । शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री द्वारा अपने विधानसभा क्षेत्र में आयोजित किए जाने वाले सरकार आपके द्वार, जनसमस्या समाधान शिविर के क्रम में शुक्रवार को कोटा दक्षिण नगर निगम क्षेत्र के वार्ड नंबर 52 में आयोजित किया गया। कोटा दक्षिण नगर निगम के ये 8 वार्ड रामगंजमंडी विधानसभा में आते हैं।
शिविर में कुल 198 परिवेदनाएं प्राप्त हुई जिनका शिक्षा मंत्री ने निस्तारण करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। ज्यादातर समस्या नाली, पट्टान ,पेयजल समस्याओं को लेकर रही। जिनका उपस्थित नगर निगम और कोटा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने निस्तारण किए। शिविर का शुभारंभ मंत्री श्री मदन दिलावर ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन व माल्यार्पण कर किया। शिविर के प्रारंभ में उपस्थित जनसमूह को सरकारी विभागों की योजनाओं का एक एक कर विस्तृत विवरण दिया गया। जो विभिन्न योजनाओं में पात्र हैं और अभी तक आवेदन नहीं किया है, उनका मौके पर ही आवेदन भरवा कर स्वीकृति जारी की गई।
मंत्री श्री मदन दिलावर ने शिकायत लेकर आए लोगों को बारी-बारी से बुलाकर उनकी समस्या सुनी और शिविर में उपस्थित संबंधित अधिकारियों को उनके समाधान के निर्देश दिए। विज्ञान नगर निवासी आरिफ हुसैन ढलवाल ने शिविर में शिकायत दी कि छतरपुर विज्ञान नगर में अरुजूल बनात (रजिस्ट्रेशन नंबर 1145) नामक मदरसे संचालित हैं। जिसने फर्जी नामांकन दिखा रखा है। इसकी जानकारी अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को दी गई तो उन्होंने तीन बार जांच की जिसमें तीनों बार बच्चों का नामांकन शून्य पाया गया। इस पर शिक्षा मंत्री ने जिला अल्पसंख्यक अधिकारी को निर्देश दिए कि फर्जी नामांकन वाले मदरसे को बंद किया जाए एवं मदरसा संचालक व हेडमास्टर के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई जाए। मदरसा संचालन के लिए रखे गए पैराटीचर जो 12 वर्षों से फर्जी भुगतान उठा रहे है उनसे वसूली की जाए। अधिकारी ने शून्य नामांकन एवं पैराटीचर समायोजन का प्रकरण बनाकर राज्य सरकार को भेज दिया है।
शिविर के दौरान वार्ड नंबर 52 के निवासी छोटे-छोटे बच्चे भी इकट्ठे होकर मंत्री के पास पहुंचे और अपने खेलने के लिए घर के सामने वाले पार्क में झूले लगाने की मांग की। जिस पर मंत्री श्री दिलावर ने बच्चों की मांग को स्वीकार करते हुए एक माह के अंदर सब्जी मंडी वाले पार्क में झूले लगाने के निर्देश नगर निगम अधिकारियों को दिए।