जोधपुर. रविवार को जोधपुर में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह ने कहा कि अपनी अकर्मण्यता छुपाने के लिए वे इस तरह का बयान दे रहे हैं (Gehlot Rape remark). शेखावत ने कहा कि मीडिया में जो बयान सामने आया है वो दुर्भाग्य पूर्ण है. शेखावत बोले- देश की संसद ने जो कठोर कानून बनाया है वो छोटी बच्चियों या युवतियों के साथ हो रहे दुराचार को रोकने के लिए है.
कानून व्यवस्था बदहाल: केन्द्रीय मंत्री ने इस बयान को कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का नतीजा करार दिया. कहा- मुख्यमंत्री की सरकार की अकर्मण्यता, आपसी खींचातानी के चलते उनकी सरकार का कानून व्यवस्था को लेकर ध्यान हट चुका है (Controversy Over Gehlot Rape Remark). जिससे राजस्थान महिलाओं और अबोध बालिकाओं के प्रति होने वाले अपराध की राजधानी बन गया. अपनी विफलता छुपाने के लिए वे संसद के बनाए कानून को दोष दे रहे हैं. इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण और कुछ नहीं हो सकता.
विफलता छुपा रही सरकार
क्या कहा था सीएम ने?: गौरतलब है कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली में बयान दिया था कि निर्भया कांड के बाद रेपिस्ट को फांसी की सजा दी जाने लगी. लेकिन उसके बाद रेपिस्ट द्वारा रेप के बाद बच्चियों की हत्याओं के मामले बढ़े हैं. ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि बलात्कारी ये सोचता है कि पीड़िता उसके खिलाफ गवाह बनेगी तो उसे सजा हो जाएगी इसलिए वे लड़की की हत्या कर देते हैं. गहलोत के इस बयान के बाद से ही वो भाजपा के निशाने पर आ गए हैं. राजस्थान में बलात्कार के मामलों को लेकर लगातार हमले किए जा रहे हैं.
रेप बाद हत्या के भयावह आंकड़े: राजस्थान में जनवरी 2020 से 2022 तक 4091 पॉक्सो के मामले दर्ज हुए हैं. यानी की हर साल दो हजार बच्चियों के साथ ज्यादती के मामले. जबकि दो सालों में महिलाओं के साथ बलात्कार के 11हजार से ज्यादा मामले दर्ज हुए. जबकि 25 से ज्यादा ऐसे मामले सामने आए जिसमें बलात्कार के बाद पीड़िता की हत्या कर दी गई थी.