राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं की गड़बड़ी रोकने के लिए गहलोत सरकार लागू कर सकती है केरल माॅडल, कमेटी गठित
राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं को रोकने के लिए गहलोत सरकार केरल माॅडल लागू कर सकती है।
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान में भर्ती परीक्षाओं को रोकने के लिए गहलोत सरकार केरल माॅडल लागू कर सकती है। राज्य सरकार ने केरल माॅडल का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी का गठन किया है। कमेटी में शामिल अधिकारी 2 से 5 अगस्त तक केरल जाएंगे। केरल लोक सेवा आयोग की अपनाई जा रही प्रणाली का अध्ययन करेंगे। राजस्थान में भर्ती प्रक्रियाओं में गड़बड़ी होने पर गहलोत सरकार ने यह निर्णय लिया है। रीट और काॅन्स्टेबल भर्ती परीक्षा में पेपर लीक होने की वजह से गहलोत सरकार को फजीहत का सामना करना पड़ा था।
कार्मिक विभाग ने जारी किए आदेश
कमेटी गठित करने के लिए राज्य के कार्मिक विभाग ने शुक्रवार देर रात आदेश जारी कर दिए। कार्मिक विभाग संयुक्त सचिव रामनिवास मेहता , आरपीएससी संयुक्त सचिव आशुतोष गुप्ता , कार्मिक विभाग संयुक्त सचिव शिव प्रसाद सिंह, कृषि विपणन अतिरिक्त निदेशक जय सिंह केरल लोक सेवा आयोग की ओर से अपनाई जा रही प्रणाली का अध्ययन करेंगे। यह कमेटी 2 से 5 अगस्त तक केरल का दौरा करेंगे. कमेटी मॉडल के अध्ययन बाद सरकार को रिपोर्ट देगी। इसको लेकर कार्मिक विभाग प्रमुख सचिव हेमंत कुमार गेरा ने आदेश जारी किया है।
रीट पेपर लीक से सरकार की हुई फजीहत
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में 2013 से लेकर 2022 तक हुई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़झाला के आरोप लगते रहे हैं। फिर चाहे वह आरएएस भर्ती परीक्षा हो या फिर पटवारी, जहां तक की एलडीसी और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भर्ती को लेकर भी सवाल उठते हैं। पिछले 10 सालों में करीब 5 लाख पदों की भर्ती प्रक्रिया हुई। लेकिन इन सभी भर्ती प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता पर हमेशा सवाल उठते रहे। कई भर्ती प्रक्रिया में हुई गड़बड़ियों की वजह से वह वैकेंसी कोर्ट में विचाराधीन चल रही है और युवा बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल पा रहा है। राजस्थान बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष उपेन यादव लंबे समय से भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए संघर्षत है।