गैंगरेप-हत्या का आरोपी बचने के लिए चारों और भटकता रहा, 10 दिन तक गांव में छिपा

Update: 2023-07-02 13:21 GMT
बीकानेर। के खाजूवाला में दलित युवती से गैंगरेप और हत्या का मुख्य आरोपी दिनेश विश्नोई शुक्रवार को सीकर से गिरफ्तार कर लिया गया। इसके बाद आरोपी को बीकानेर पुलिस शुक्रवार दर रात खाजूवाला थाने लेकर पहुंची। हालांकि पुलिस घटनाक्रम को लेकर अभी पूछताछ कर रही है लेकिन उसने घटनाक्रम के बाद फरारी को लेकर कई खुलासे किए हैं। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि खाजूवाला में दलित युवती को अस्पताल पहुंचाने के बाद दिनेश वहां से फरार हो गया। वो सीधे बीकानेर शहर में आया। यहां गंगाशहर एरिया में आने तक उसका मोबाइल चालू था।
नोखा बाइपास पर पहुंचने के बाद उसे लगा कि मोबाइल के कारण वो पकड़ा जा सकता है। ऐसे में उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया। नोखा बाइपास पर ही वो किसी गांव में रुका था। इसके बाद झुंझुनूं की ओर चला गया। उसने अपना सफर बसों से सामान्य यात्री की तरह किया ताकि किसी को शक नहीं हो। यहां से वो नवलगढ़ गया। नवलगढ़ में ही पुलिस के मुखबीर ने उसे देख लिया था। यहीं से उस पर नजर रखी गई। बीकानेर पुलिस को सूचना दी गई। बीकानेर पुलिस ने पहले झुंझुनूं पुलिस को सूचना दी। इसके बाद सीकर पुलिस को बताया गया। दोनों जिलों की पुलिस ने उसे पकड़ने में पूरा योगदान दिया। सीकर पुलिस ने एक रोडवेज बस में उसे गिरफ्तार कर लिया।
फरारी के दौरान दिनेश बिश्नोई ने अपना मोबाइल वापस ऑन नहीं किया। वो जगह-जगह लोगों से मोबाइल मांगकर रिश्तेदारों व दोस्तों को फोन करता था। उसके सभी रिश्तेदारों और मित्रों ने सहयोग से मना कर दिया। पुलिस को पता चल गया कि वो संपर्क कर रहा है। ऐसे में जिन-जिन लोगों ने उसे फोन दिया था, उनसे पुलिस ने पूछताछ की। इसी से पता चला कि वो राजस्थान से बाहर नहीं है। इस गिरफ्तारी में खाजूवाला पुलिस थाने की सर्वाधिक बदनामी हुई। अब दिनेश को पकड़ने में भी इसी थाने की खास भूमिका रही। दरअसल, थाने के अधिकांश पुलिसकर्मियों को बदल दिया गया था। आरपीएस ऑफिसर चंदन ट्रेनिंग पीरियड में थानाधिकारी के रूप में काम कर रहे हैं। ऐसे में थानाधिकारी चंदन गुप्ता, उप निरीक्षक रामगोपाल, उप निरीक्षक नरेंद्र और कांस्टेबल प्रदीप ने दिनेश बिश्नोई से जुड़े हर प्वाइंट काे पकड़ा। उसके हर दोस्त, रिश्तेदार पर नजर रखी गई।
दिनेश बिश्नोई की गिरफ्तारी के बाद कई राज खुल सकते हैं। उससे पूछताछ में ही साफ होगा कि कॉन्स्टेबल मनोज और भागीरथ की कितनी भूमिका रही है? दलित महिला का गैंगरेप किया गया था या फिर उसे बार-बार परेशान किया जा रहा था? ये भी स्पष्ट होगा कि किस-किस की कितनी भूमिका रही है। दिनेश को शनिवार को ही अदालत में पेश किया जाएगा, ऐसे में प्रथम दृष्ट्या वो अपना अपराध स्वीकार करता है या नहीं? इस बारे में भी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
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