बाढ़ के हालात, चंबल नदी में उफान आने से करीब एक दर्जन गांव हुए जलमग्न

Update: 2022-08-23 10:15 GMT
राजस्थान में बाढ़ के हालात नजर आने लगे है। राजस्थान में हो रहीं भारी बारिश के चलते कोटा, बूंदी, झालावाड़ा जिले में कई गांव टापू बन गए है और इन जिलों में स्थित बांधों का जलस्तर बढ़ने से इनके गेट खोल कर पानी की निकासी की जा रहीं है। जिससे निचले इलाकों में स्थित गांवों में बाढ़ आ गई है। राजस्थान-मध्य प्रदेश सीमा के बीच बह रही चंबल नदी (Chambal River) मंडरायल करणपुर क्षेत्र में उफान पर है. कोटा बैराज से भारी मात्रा में की जा रही पानी निकासी के कारण चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इससे करीब एक दर्जन गांव पानी से घिर गए हैं और वहां बाढ़ के हालत बन गए है।
चंबल नदी मंडरायल करणपुर क्षेत्र में उफान पर है। कोटा बैराज से भारी मात्रा में की जा रही पानी निकासी के कारण चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। मंडरायल करनपुर क्षेत्र के गांवों में पानी घुसने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रेस्क्यू किया जा रहा है. इन गांवों का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। मंडरायल करनपुर क्षेत्र में चंबल नदी का खतरे का निशान 165 मीटर है जबकि चंबल नदी वर्तमान में 165.21 मीटर पर बह रही है। चंबल में उफान के कारण मंडरायल के कैमकच्छ, टोडी, सिमारा, मल्हापुरा, गोटा, बंधवारा गांव पानी से घिर गए हैं।
पंचायती राज मंत्री ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को क्षेत्र में नजर रखने, एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम को मौके पर भेजने, ग्रामीणों को हर हाल में मदद पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। एसडीआरएफ और सिविल डिफेंस टीम क्षेत्र में रहकर लगातार रेस्क्यू कर रही है। यहां यह गौरतलब है कि चंबल नदी में उफान आने पर प्रतिवर्ष ही करीब एक दर्जन गांवों का संपर्क कट जाता है। इनमें से कुछ गांवों में पानी घुसने के कारण ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर भी रेस्क्यू भी जाता है। इन गांवों के ग्रामीण अपनी कृषि भूमि और मवेशी के कारण दूसरे स्थानों पर रह नहीं पाते और वापस यही आकर बस जाते है।
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