अजमेर। अजमेर चौपासनी हाउसिंग बोर्ड थानान्तर्गत महादेव नगर स्थित एक मकान में दस साल पहले मासूम बच्चे सहित पांच जनों की हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-2 प्रवीण कुमार मिश्रा ने बुधवार को पांच अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। भावेश उर्फ बन्टी, सुनील, कमल वैष्णव, मनीष पंवार, अनिल उर्फ भाया को हत्या का दोषी मानकर आजीवन कारावास के साथ ही विभिन्न धाराओं में अलग-अलग सजा व जुर्माना से दण्डित किया गया है।
22 जून 2013 को महादेव नगर में धर्मेन्द्र उर्फ महेश के मकान में जघन्य हत्याकाण्ड हुआ था। मकान में घुसे हत्यारों ने धर्मेन्द्र के साथ उसकी पत्नी राखी, सास लक्ष्मी देवी, मित्र सुनीता रखवानी और दो साल के मासूम पुत्र तनिष्क की धारदार हथियार से गला व पेट काटकर हत्या की गईं थी। राखी की पुत्री कशिश (8) पर भी धारदार हथियारों से वार किए गए। उसे मरा समझ हत्यारे सोने-चांदी के जेवर लूटकर भाग गए, लेकिन मासूम कशिश की जान बच गई। वारदात के 24 घंटे बाद परिवादी के वारदात स्थल पहुंचने पर पुलिस को बुलाया गया। तब तक मासूम कशिश जीवन और मृत्यु के बीच संघर्ष करती रही। एकमात्र चश्मदीद गवाह वही थी। उसी ने न्यायालय में बयान देकर आरोपियों की पहचान की और उनके हत्या करने की गवाही दी थी। इसी से आरोपियों पर आरोप प्रमाणित हुआ।
जांच अधिकारी व तत्कालीन थानाधिकारी अमित सिहाग ने आरोपियों की निशानदेही पर हथियार बरामद किए। आरोपियों से लूट का सोना चांदी भी बरामद किए गए थे। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302, 120बी, आर्म्स एक्ट में कोर्ट में चालान पेश किया। भारत भूषण शर्मा, जहीर अब्बास ने बहस के दौरान हत्याकाण्ड को वीभत्स बताया था। 2 व 8 साल के मासूम बच्चों और तीन महिलाओं व एक पुरुष की हत्या की गई। इसलिए कठोर दण्ड की मांग की गई। आरोपियों के अधिवक्ताओं ने मामले को झूठा बताते हुए कहा था कि वे मृतकों को नहीं जानते।