नौकरी से निकलवाया, 14 माह से प्रताड़ना झेल रहे 11 जने, पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही
जोधपुर। समाज से बेदखल किए जाने के बाद दर-दर की ठोकरें खा रहा एक परिवार पुलिस शिकायत लेकर कमिश्नर और डीसीपी के पास पहुंचा. पीड़ित परिवार का आरोप है कि वह एक पेट्रोल पंप पर काम करता था, जहां से उसे निकाला गया था. किराना दुकान नहीं देता कोई सामान, टूट गई बेटे की शादीघर में किसी की मौत हो जाए तो समाज से कोई कंधा देने नहीं आएगा। बेटी बस से स्कूल नहीं जा सकती, उसे उतार दिया जाता है। मुझे इतना प्रताड़ित किया गया है कि अब आत्महत्या करने का मन कर रहा है। दोनों अधिकारियों ने पीड़िता की बात सुनने के बाद त्वरित जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया.पीड़ित पुखराज उर्फ पुरखाराम (47) निवासी महलावास लूनी ने बताया कि एक साल पहले बेटी रेखा पर सात सितंबर 2021 को अपनी सास की हत्या का आरोप लगाया था और मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया था. 20 दिन बाद 27 सितंबर को समाज ने उन्हें व उनके बड़े भाई भंवरलाल के परिवार को समाज से बेदखल कर दिया.
अछूतों जैसा व्यवहार किया जा रहा है। कोई बात भी नहीं करता। परिवार के 11 सदस्य 14 महीने से प्रताड़ना झेल रहे हैं। परेशान पुखराज ने अपने ससुराल व नरेश, देदाराम, वीरमाराम, गोपाराम, अमराराम, गोपाराम, पेमाराम, उमराराम, गोपराम, प्रेरणाराम, मांगीलाल, बुधाराम, बिंजाराम, नेनाराम, लक्ष्मणाराम, राजूराम सहित समाज के 16 लोगों के खिलाफ तहरीर दी है. बोरानाडा थाने में बेदखली का मामला दर्ज किया।पीड़ित परिवार ने शुक्रवार को पुलिस कमिश्नर रविदत्त गौड़ और डीसीपी वेस्ट अमृता दूहन से मुलाकात की और पुलिस पर निष्क्रियता का आरोप लगाया. उधर, थानाध्यक्ष किशनलाल का कहना है कि जांच की जा रही है.