आखिरकार छठे दिन खुला महापौर कक्ष का ताला

Update: 2022-11-23 16:06 GMT
कोटा । नगर निगम कोटा दक्षिण के महापौर कक्ष का ताला आखिरकार छठे दिन मंगलवार को खुल गया। ताला खुलने पर महापौर शाम 4 बजे बाद कार्यालय पहुंचे और पट्टों की फाइलों पर हस्ताक्षर किए। नगर निगम कोटा दक्षिण के महापौर राजीव अग्रवाल के नगर निगम स्थित कक्ष पर 16 नवम्बर की शाम को कांग्रेस पार्षद व वित्त समिति के अध्यक्ष देवेश तिवारी समेत कई पार्षदों ने ताला लगा दिया था। उसके बाद उन्होंने ताले की चाबी अगले दिन कोटा दक्षिण आयुक्त राजपाल सिंह को सौंप दी थी। पांच दिन तक उनके कक्ष पर ताला लगा रहा। महापौर का कहना था कि जिन्होंने ताला लगाया है वे ही खोलेंगे तभी वे आॅफिस जाएंगे। वरना घर से ही काम कर रहे हैं। जबकि ताला लगाने वाले पार्षदों का पहले तो कहना था कि उन्होंने चाबी आयुक्त दो दे दी है। वे ताला खुलवा देंगे। जबकि एक दिन पहले पार्षद देवेश तिवारी का कहना था कि उन्होंने जनता के हित में उनके काम नहीं होने पर ताला लगाया था। यदि महापौर जनता के हित में उनके कक्ष में लम्बित पट्टों की फाइलों पर हस्ताक्षर करते हैं तो वे जनता के हित में ताला खोलने को भी तैयार हैं।
महापौर कक्ष पर ताला लगा होने के समाचार को दैनिक नवज्योति ने मंगलवार के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिसमें बताया कि निगम के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक पार्षद द्वारा उनके ही बोर्ड के महापौर कक्ष में ताला लगाया गया। वह ताला पांच दिन तक नहीं खुला। समाचार प्रकाशित होते ही निगम प्रशासन व पार्षद हरकत में आए। उसके बाद मंगलवार को ही महापौर कक्ष का ताला खुल गया। नगर निगम कोटा दक्षिण की वार्ड 22 से पार्षद सुमन पेशवानी के पति त्रिलोक पेशवानी ने महापौर कक्ष का ताला खोला। उसके बाद महापौर को सूचना मिलने पर वे शाम 4 बजे बाद कार्यालय पहुंचे थे।
महापौर कक्ष का ताला खुलने के बारे में कांग्रेस पार्षद व वित्त समिति के अध्यक्ष देवेश तिवारी का कहना है कि उन्होंने ताला नहीं खोला। लेकिन ताला खुलने की सूचना है। वहीं कोटा दक्षिण महापौर राजीव अग्रवाल का कहना है कि यह घर का आपसी मामला है। ताला किसी ने भी खोला हो उन्हें ताला खुलने की सूचना मिली थी। इसके बाद वे शाम 4 बजे करीब आॅफिस पहुंचे थे। वहां उन्होंने पट्टों की कुछ फाइलों पर हस्ताक्षर भी किए।
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