जयपुर। एनडीपीएस मामलों की विशेष अदालत ने अफीम तस्करी के मामले में पिता सज्जाराम विश्नोई और उसके बेटे अरुण कुमार समेत दो अन्य धर्मपाल जाट और प्रभुलाल गुर्जर को 10 साल कैद की सजा सुनाई है.
साथ ही अदालत ने प्रत्येक आरोपी पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. जबकि एक अन्य के खिलाफ जांच लंबित है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मौजूदा समय में अवैध ड्रग्स के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है और इसकी आसानी से उपलब्धता की वजह से युवाओं में इसके सेवन का प्रचलन बढ़ा है. जिससे उनका विकास भी अवरूद्ध हो रहा है।
कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा नशामुक्ति केंद्र और नशा रोधी पोस्ट खोलकर नशा रोकथाम के लिए सकारात्मक प्रयास किए जा रहे हैं. ऐसे में नशा तस्करों के खिलाफ नरम रुख अपनाना उचित नहीं है।अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक उमाशंकर खंडेलवाल ने कोर्ट को बताया कि 23 जनवरी 2017 को एसओजी को मुखबिर से सूचना मिली कि एक बोलेरो वाहन चित्तौड़गढ़ से आ रहा है और पंजाब की ओर जा रहा है. इस गाड़ी में भारी मात्रा में हथियार हो सकते हैं।
इस पर एसओजी ने भीलवाड़ा पुलिस की मदद से कांवलियावास टोल नाके पर नाकेबंदी कर कार को रोक लिया। तलाशी के दौरान पुलिस को एक-एक किलोग्राम के चार प्लास्टिक बैग में अफीम मिली। इस पर पुलिस ने चालक राजाराम व उसके साथ बैठे धर्मपाल को गिरफ्तार कर अफीम व कार को जब्त कर लिया. पूछताछ में आरोपी ने प्रभुलाल से अफीम लाना बताया। इस पर पुलिस ने बाद में प्रभुलाल व अरुण कुमार को गिरफ्तार कर कोर्ट में चार्जशीट पेश की.