आधुनिक प्याऊ चालू होने से पहले ही गंदगी से भरी, प्रसूताएं लगा रही चक्कर

Update: 2023-02-22 14:39 GMT

कोटा: संभाग के सबसे बड़े जेकेलोन नए भवन में शिशु वार्ड ओपीडी को शिफ्ट किया गया है। आधुनिक संसाधनों से लेस ओपीडी की शुरुआत तो कर दी लेकिन मुख्य गेट अभी बंद होने से प्रसूताओं को अभी पिछले गेट से ही ओपीडी में जाना पड़ृ रहा है। वहीं अभी तक ओपीडी के साथ कई वार्ड शुरू नहीं होने महिलाओं को इधर उधर चक्कर ही लगाने पड़ रहे है। जेकेलोन अस्पताल के नए भवन में बच्चों का वार्ड तो शिफ्ट कर दिया लेकिन अभी अन्य वार्ड शिफ्ट नहीं किए है। ऐसे में परिजनों को दो बिल्डिंग में चक्कर लगाने पड़ रहे है। वहीं ओपीडी में लगी पेयजल की आधुनिक पेयजल प्याऊ चालू होने से पहले लोगों ने गंदगी से भर दिया। लोगों ने सेंसर वाले नल को तक नहीं छोड़ा है। लोगों नए भवन की सुंदरता लोगों को रास नहीं आ रही है। लोग गुटखे और पान की पीक पेयजल में थूंक रहे है। वहीं वाटर कुलर को डस्टबीन बना दिया है।

ब्लड सैंपल की टूटी टाइल्स के बीच काम कर रहे नर्सिंग कर्मी

जेकेलोन अस्पताल में ब्लड सैंपल व जांच कक्ष में टाइल्स टूटी हुई है। टूटी टाइल्स के बीच ही नर्सिंग कमी महिलाओं की विभिन्न जांचों के सैंपल ले रहे है। वहीं थैलेसिमिया के बच्चों की हीमोग्लोबिन की जांच भी की जा रही है। जहां एक ओर ओपीडी मरम्मत कर नया बना दिया वहीं अभी जेकेलोन के कई कमरें बिना मरम्मत वाले है। जिनको मरम्मत की दरकार है।

30 बेड का शिशु वार्ड ही चल रहा नए भवन में

जेकेलोन अस्पताल की नए भवन में सबसे पहले दो शिशु वार्ड तैयार किए है। जिसमें डॉक्टर रूम, नर्सिंग स्टॉफ रूम के साथ 15-15 बेड के दो वार्ड तैयार किए है। इन वार्ड आॅक्सीजन, मॉनिटर, वार्मर से लेकर हर सुविधा होगी। साथ व्हील वाले आधुनिक बेड लगाए गए है जिसको कहीं ले जाया जा सकता है। साथ हर बेड के पास एक लॉकर लगाया जिसमें मरीज की दवा और कागज रख सकेंगा। हर बेड पर आॅक्सीजन सप्लाई के लिए प्लग और ड्रीप चढ़ाने के लिए स्टैंड लगाए गए है। अभी बाकी वार्ड शिफ्ट नहीं हुए जिससे लोगों दो भवनों के बीच दौड़ लगानी पड़ रही है। मां अलग जगह भर्ती और बच्चे अलग जगह भर्ती होने से परिजनों को परेशानी हो रही है। पूरे वार्ड शिफ्ट होने के बाद ही राहत मिलेगी। इमजेंसी एनआईसीयू व पीआईसीयू नहीं हुए चालूजेकेलोन अस्पताल में नए इमरेजेंसी एनआईसीयू व पीआईसीयू वार्ड बन कर तैयार है लेकिन अभी तक इनको शुरू नहीं किया गया है। पुराने में चल रहा है।

27 करोड़ की लागत से तैयार भवन को बनाया आधुनिक सुविधा युक्त

जेकेलोन की नई बिल्डिंग में शिशुवार्ड तो शिफ्ट कर दिया है। दूसरी मंजिल पर तैयार हुए शिशु वार्ड में सभी आधुनिक उपकरणों से लेस है। पूर्णरूप से वातानुकुलित वार्ड से लेकर टाइल्स फर्निचर बेड और सभी उपकरण आधुनिक लगाए है। वार्ड को निजी अस्पताल की तर्ज पर तैयार किया है। ओपीडी में सभी डॉक्टरों के चेंबर एक ही छत के नीचे होने से अब मरीजों को इधर उधर भटकने से राहत मिलेगी। लेकिन अभी नई ओपीडी में प्रसूताओं को पूरी सुविधा नहीं मिल रही है। अभी ओपीडी काम बाकी होने से इसका मुख्य गेट नहीं खोला गया है। वहीं जांच के लिए अभी इधर भटकना पड़ रहा है।

जेकेलोन अस्पताल में अभी कार्य चल रहा है। ओपीडी में अभी कुछ जगह काम बाकी होने से मुख्य गेट को बंद कर रखा है। ओपीडी में कार्य पूरा होने के बाद मुख्य गेट को खोला जाएगा।

-डॉ. आशुतोष शर्मा, अधीक्षक जेकेलोन अस्पताल 

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