जासूसी का 'नापाक' प्लान, राजस्थान पुलिस का बॉर्डर के पास शुरू हुआ 'ऑपरेशन निगहबानी' अभियान

राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने पाकिस्तान की सीमा से लगे गंगानगर जिले में विशेष अभियान चलाया है।

Update: 2021-12-25 03:35 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई ने पाकिस्तान की सीमा से लगे गंगानगर जिले में विशेष अभियान चलाया है। खुफिया इकाई ने यहां के स्थानीय लोगों को सोशल मीडिया और फोन कॉल्स के जरिए जासूसी करने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी की ओर से की जा रहीं कोशिशों के बारे में जागरूक करने के लिए एक विशेष अभियान चलाया है। पिछले दो दिनों में आईएसआई और पाकिस्तान इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (पीआईओ) के संपर्क में आने वाले 25 लोगों की भी पहचान की गई और उन्हें ज्यादा पूछताछ के लिए सूरतगढ़ और गंगानगर में पूछताछ केन्द्रों पर बुलाया गया।

राजस्थान पुलिस की खुफिया इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान इनमें से कुछ लोगों के पीआईओ के संपर्क में होने के बारे में महत्वपूर्ण सूचना मिली है, जिसके बाद उनके मोबाइल फोन को फॉरेंसिक जांच के लिए ले जाया गया है। पुलिस महानिदेशक (खुफिया) उमेश मिश्रा ने बताया कि प्रारंभिक पूछताछ के बाद उन्हें जाने दिया गया और उपकरणों की जांच और तकनीकी जांच के दौरान मिली जानकारी के आधार पर कार्रवाई की जायेगी।
इसलिए शुरू हुआ 'ऑपरेशन निगहबानी'
मिश्रा ने कहा कि 'अभियान का मूल उद्देश्य लोगों को उन कोशिशों को लेकर जागरूक करना है जो पड़ोसी देश द्वारा जासूसी के लिए किए जाते हैं और उन लोगों की पहचान करना है जो आईएसआई और पीआईओ के संपर्क में है। आमतौर पर लोग सोशल मीडिया के माध्यम से उनके जाल में फंस जाते हैं, यह जाने बिना कि इसके क्या परिणाम हो सकते हैं। हमारा उद्देश्य लोगों को इसके बारे में जानकारी देना है।' उन्होंने बताया, 'ऑपरेशन निगहबानी' तीन चरणों में शुरू किया गया था जिसमें जयपुर और गंगानगर के खुफिया अधिकारी शामिल थे।
तीन चरणों में चला अभियान
मिश्रा ने बताया कि अभियान गंगानगर जिले के संवेदनशील स्थानों और संस्थानों के आस-पास तीन चरणों में शुरू किया गया था। पहले चरण में राज्य की विशेष शाखा सीआईडी जोन श्रीगंगानगर के लगभग 50 अधिकारियों ने सूरतगढ़, लालगढ़ और साधुवाली छावनी क्षेत्र के आसपास रहने वाले ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जो किसी भी तरह से पीआईओ के संपर्क में हैं या आ सकते है।
'सोशल मीडिया का करते हैं इस्तेमाल'
मिश्रा ने कहा कि दूसरे चरण में तकनीकी और अन्य माध्यमों से ऐसे पहचाने गए व्यक्तियों की निगरानी करके डेटा एकत्र किया गया था और तीसरे चरण में 25 ऐसे पहचाने गए व्यक्तियों को विस्तृत पूछताछ के लिए सूरतगढ़ ओर गंगानगर में पूछताछ केन्द्रों पर बुलाया गया था। मिश्रा ने कहा कि आईएसआई के गुर्गे छावनी क्षेत्र के पास रहने वाले स्थानीय लोगों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम आदि के जरिए फेक नाम से आईडी बनाकर संपर्क करते हैं।
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