जनजाति छात्रावासों में अध्ययनरत बच्चों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाना सुनिश्चित
मुख्य सचिव, राजस्थान श्रीमती उषा शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को पढ़ाई के लिए बेहतर अवसर उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है। इसके लिए सरकार ने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के माध्यम से संचालित छात्रावासों में कई तरह की सुविधाओं का विस्तार किया है। अधिकारियों को चाहिए कि वह सतत निगरानी करते हुए उन सुविधाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचना सुनिश्चित करें।
मुख्य सचिव बुधवार शाम को वीडियो कांफ्रेन्स के माध्यम से जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग के अधिकारियों व आश्रम छात्रावासों के वार्डन व बच्चों से संवाद कर रही थी। इस दौरान विभाग के प्रमुख शासन सचिव आलोक गुप्ता तथा जनजाति आयुक्त ताराचंद मीणा भी यहां आयुक्तालय के वीसी हॉल में मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों से जानकारी लेने के उपरान्त विभिन्न जिलों के आश्रम छात्रावासों की बालिकाओं से संवाद किया। इसमें उन्होंने उड़ान योजना के तहत वितरित किए जा रहे सेनेटरी नेपकिन को लेकर चर्चा कर फीडबेक लिया।
हर सप्ताह हो वार्डन की वीसी
मुख्य सचिव श्रीमती शर्मा ने जनजाति आयुक्त को हर सप्ताह वार्डन के साथ वीसी लेकर छात्रावासों में फर्नीचर, स्मार्ट क्लास रूम, स्कॉलरशिप स्कीम्स, सेनेटरी नेपकिन वितरण, हॉस्टल की समस्याओं आदि का फीडबेक लेकर अवगत कराने को कहा। इस पर जनजाति आयुक्त मीणा ने आश्वस्त करते हुए अवगत कराया कि वीसी के साथ ही शनिवार एवं रविवार को वार्डन्स से व्यक्तिगत रूप से बैठक कर फीडबैक लिया जाएगा। इस सप्ताह डूंगरपुर एवं बांसवाड़ा के वार्डन्स की बैठक रखी गई है। वीसी में प्रमुख शासन सचिव गुप्ता ने सभी जिला कलक्टर्स से छात्रावासों के संबंध में जानकारी ली। वहीं कई छात्रावासों में सीधे वार्डन और छात्र-छात्राओं से भी संवाद किया। इस दौरान स्मार्ट क्लासेज का नियमित उपयोग करने, उड़ान योजना के तहत नियमित सेनेटरी नेपकिन वितरण, नेपकिन निस्तारण की व्यवस्था, छात्रावास में साफ सफाई आदि को लेकर निर्देशित किया। वीसी में अतिरिक्त आयुक्त अनिल शर्मा, संयुक्त निदेशक कृषि अनुराग भटनागर, संयुक्त निदेशक आईटी गिरिराज कतिरिया, ओआईसी शिक्षा बुद्धिप्रकाश उपाध्याय, ईएमआरएस सलाहकार आयुष गोयल आदि उपस्थित रहे।
जनजाति आयुक्त की कार्यशैली की प्रशंसा
मुख्य सचिव ने जनजाति आयुक्त ताराचंद मीणा की कार्यशैली की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि मीणा सुबह 8 बजे से रात 9 बजे तक समान ऊर्जा के साथ कार्य करने में सक्षम हैं। उन्होंने जनजाति आयुक्त को अपनी प्रशासनिक कुशलता और कार्य क्षमता से जनजाति आश्रम छात्रावासों में बेहतर से बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करने, छात्रावासों को और अधिक सुदृढ बनाने के लिए आवश्यक सुझाव देने एवं नवाचार करने के लिए प्रेरित किया।