टोंक। देवली बजरी लीज धारक रणजीत सिंह ने बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक शाखा प्रबंधन के खिलाफ राशि गबन करने के मामले देवली थाना में मामला दर्ज कराया है। दर्ज कराए मामले में पीड़ित ने बताया कि उसने 2009 में 36.48 लाख रुपए की बैंक गारंटी पेश की थी। बैंक प्रबंधन ने उक्त राशि लीज राशि के भुगतान की गारंटी के तौर पर सहायक खनिज अभियंता को भेज दी।
जिसके बाद तीन बार में बैंक में 19.07 लाख रुपए जमा करा दिए। बाद में रुपए जमा नहीं कराने पर बैंक ने पीड़ित का खाता एनपीए घोषित कर दिया और बकाया राशि की वसूली के लिए प्रार्थी व जमानतदारों के खिलाफ ऋण वसूली अधिकरण को पत्र भेज दिया। बाद में समझौता किया गया जिसके तहत 40 लाख रुपए की समझौता राशि तय की गई। साथ ही तय किया बैंक बंधक संपतियों का विक्रय कर प्राप्त राशि इस समझौता राशि के पेटे समायोजित करेगा।
शेष बकाया राशि प्रार्थी बैंक को भुगतान करेगा। जिसके बाद प्रार्थी ने समझौता की संपूर्ण राशि बैंक में जमा करा दी। मगर ऋण वसूली अधिकरण जयपुर ने बैंक का वसूली प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया। पीड़ित एक अन्य बैंक में ऋण लेने के लिए आवेदन करने पर जब सीआईबीएल की रिपोर्ट जांची तो पता चला कि प्रार्थी के नाम से फर्जी ऋण खाता खोलकर बैंक अधिकारियों ने बैंक से राशि निकाल कर अपने उपयोग में ले ली। प्रार्थी ने मामला दर्ज कराकर बैंक अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही करने की मांग की है। थाना प्रभारी जगदीश प्रसाद मीणा ने बताया कि मामला दर्ज कर इसकी जांच की जा रही है।