Dungarpur: कृषक डीएपी उर्वरक के स्थान पर एसएसपी एवं एनपीके ग्रेडस उर्वरकों का करें प्रयोग
Dungarpur डूंगरपुर । जिले में रबी 2024-25 की मुख्य फसलों में गेहूं, सरसों व चना की खेती होती है। जिले में सहकारी एवं निजी संस्थाओं में उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक परेश पण्ड्या ने बताया कि किसानों के मांग के अनुरूप समय पर उर्वरक उपलब्ध करवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है। कृषक डीएपी के स्थान पर सिंगल सुपर फॉस्फेट और एनपीके उर्वरकों का अधिक उपयोग कर अच्छी पैदावार ले सकते है। उन्होंने बताया कि एसएसपी एक फास्फोरस युक्त उर्वरक है। जिसमें 16 प्रतिशत फास्फोरस एवं 11 प्रतिशत सल्फर की मात्रा पाई जाती है। इसमें उपलब्ध सल्फर के कारण यह उर्वरक तिलहन एवं दलहन एवं दलहन फसलों के लिए डीएपी उर्वरक की अपेक्षा अधिक लाभदायक होता है। एक बेग डीएपी के स्थान पर तीन बेग एसएसपी एवं एक बेग यूरिया का संयोजन कर उपयोग करने से पैदावार में बढ़ोतरी होती है। फसलों के मुख्य पोषक तत्वों की संतुलित आपूर्ति के लिए उपयुक्त एनपीके ग्रेडस उर्वरकों का प्रयोग करें। एसएसपी उर्वरक का उत्पादन राज्य में होने के कारण आसानी से उपलब्ध है। खेती में उत्पादन लागत कम करने एवं मुदा में पोषक तत्वों की उपलब्धता संतुलित बनाए रखने के लिए सॉयल हेल्थ कार्ड में दी गई अनुशंषा अनुसार उर्वरक उपयोग करे।