राजनैतिक गलियारों में बढ़ी चर्चा, राजस्थान के सियासी संकट के बीच प्रतापसिंह खाचरियावास से पायलट ने की मुलाकात
अंदरूनी कलह के चलते सियासी संकट बना हुआ है। इसी बीच सचिन पायलट ने मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के बंगले पर पहुंचकर करीब सवा घंटे तक चर्चा की है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंदरूनी कलह के चलते सियासी संकट बना हुआ है। इसी बीच सचिन पायलट ने मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास के बंगले पर पहुंचकर करीब सवा घंटे तक चर्चा की है। लंबे समय बाद पायलट खाचरियावास के सरकारी बंगले पर पहुंचे,जहां दोनों के बीच सियासी मुद्दों पर लंबी चर्चा हुई हैं। कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमों के बीच चल रहे घमासान के बीच अब नेताओं की मुलाकातों से राजनैतिक गलियारों में नई चर्चाएं छिड़ गई हैं।
इस मुलाकात को लेकर मंत्री खाचरियावास ने कहा है कि मैं और पायलट विधानसभा में भी एक ही सोफा पर बैठते हैं। विधानसभा में जब बराबर बैठते हैं तो वहां भी बात होती रहती है। यह कहना गलत है कि हमारी आपस में चर्चा नहीं होती। अब पायलट घर आ गए तो इसमें नई बात नहीं है,विधानसभा में तो मिलते ही हैं वहां भी बात होती रहती है। पायलट आएंगे तो बातें तो होंगी ही,कोई भजन कीर्तन थोड़े ही करेंगे,सब बातें हुई हैं। लेकिन वे बताने की नहीं हैं।
वही, दूसरी तरफ पायलट से लंबी मुलाकात के बाद खाचरियावास ने सीएम अशोक गहलोत से मुलाकात की है। दोनों मुलाकातों के सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। खाचरियावास ने अपने बयान से यह साफ कर दिया है कि दोनों नेताओं के बीच मौजूदा सियासी घटनाक्रम और सियासी बवाल पर भी चर्चा हुई है। ऐसे में इस मुलाकात को दोनों खेमों के बीच जारी कोल्ड वॉर के हिसाब से काफी अहम माना जा रहा है।
बता दे कि पायलट के खिलाफ हाल में खाचरियावास मुखर होकर बयानबाजी कर रहे थे। उन्हीं खाचरियावास से उनके सरकारी बंगले पर जाकर पायलट का मिलना दोनों के बीच सियासी तल्खियों को कम करने और सियासी रिश्तों की बर्फ पिघलने से जोड़कर देखा जा रहा है। इसे गहलोत और पायलट खेमों के बीच तल्खी कम करने से भी जोड़ा जा रहा है। पायलट ने विधानसभा में भी विधायकों से मुलाकात की थी, इससे पहले भी गहलोत खेमे के विधायकों से मिले थे, बीच में विधायक दल की बैठक के बाद सियासी बवाल बढ़ गया और पूरा नरेटिव ही बदल गया।