निशक्तजन आयुक्त ने की जनसुनवाई मिशन-2030 के लिए दिव्यांगों ने दिये प्रदेश के विकास के सुझाव
राज्य निशक्तजन आयुक्त (राज्यमंत्री दर्जा) उमाशंकर शर्मा ने शनिवार को कलक्ट्रेट सभागार में जिलेभर के दिव्यांगजन के साथ सुनवाई कर समस्याओं का निराकरण किया। उन्होंने सरकार द्वारा दिव्यांगजन के आत्मनिर्भर एवं सम्मान के लिए शुरू की गई कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देकर लाभ लेने का आव्हान किया। जनसुनवाई में पात्र 16 दिव्यांगो को ट्राई साइकिल, व्हीलचेयर एवं सहायक उपकरण प्रदान किये गये।
आयुक्त निशक्तजन ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रत्येक वर्ग के उत्थान एवं महंगाई से राहत के लिए अनेक कल्याणकारी कार्यक्रम शुरू किये है, जिससे से आमजन को सीधा लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिए सरकार द्वारा पेंशन राशि को बढाकर 1 हजार रूपये किये गये हैं जिससे सम्मान के साथ जीने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार द्वारा बैंक गारंटी के साथ ऋण सुविधा उपलब्ध कराने से लाखों युवा अपना स्वरोजगार कर आर्थिक रूप से सुढृढ होने के साथ दूसरों पर निर्भर के बजाय परिवार का सहारा बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को सहायक उपकरण प्रदान करने के साथ स्कूटी भी प्रदान की जा रही है ताकि वे अपना कार्य सुगमता से कर सकें। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों को बैंक समय पर बिना अनौपचारिकता के ऋण उपलब्ध करायेंगे तो निश्चित रूप से प्रदेश का प्रत्येक दिव्यांग विकास में भागीदार बनकर आत्मनिर्भर बनेगा।
निशक्तजन आयुक्तालय द्वारा किये गये नवाचारों की चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेशभर में अब दिव्यांगजन की त्वरित जनसुनवाई एवं समस्या निराकरण किया जा रहा है। आयुक्तालय द्वारा जिला मुख्यालय एवं तहसीलवार जनसुनवाई कार्यक्रम बनाकर दिव्यांगों को स्थानीय स्तर पर योजनाओं का लाभ प्रदान किया गया है। उन्होंने बताया कि आयुक्तालय को 15 माह में 30 हजार आवेदन प्राप्त हुए जिनका निराकरण कराया गया है। उन्होंने बताया कि कोटा संभाग में अब तक जनसुनवाई में 5 हजार आवेदन प्राप्त कर सुनवाई की गई है। उन्होंने बताया कि दिव्यांगों को नौकरियों में एवं पदोन्नति में आरक्षण का प्रावधान लागू किया गया है, इसका लाभ युवाओं को मिल रहा है।
मिशन 2030 में दिये सुझाव-
इस अवसर पर राजस्थान मिशन 2030 के तहत दिव्यांगजनों से राज्य के विकास एवं भविष्य की संकल्पना के लिए सुझाव लिए गये। विभाग के संयुक्त निदेशक ओपी तोषनीवाल ने मिशन-2030 के बारे में विस्तार से जानकारी देकर दिव्यांगजनों को प्रदेश के विकास एवं अपेक्षाओं के संबध में सुझाव देने का अनुरोध किया। दिव्यांगजनों द्वारा शैक्षणिक विकास, आत्मनिर्भर बनने के लिए स्वरोजगार कार्यक्रम, आर्थिक संबल के लिए योजनाओं के बारे में सझाव दिये।
मौके पर मिला योजनाओं का लाभ-
जनसुनवाई में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा पात्रता के आधार पर दिव्यांगजनों को मौके पर सहायक उपकरण वितरित कर लाभान्वित किया गया। निशक्तजन आयुक्त के हाथों सहायक उपकरण प्राप्त कर दिव्यांगजनों में खुशियों छा गई। मौके पर 10 ट्राई साइकिल, 5 व्हील चेयर, 1 मोटराइज्ड ट्राई साइकिल, प्रदान किये गये। 2 युवाओं को दिव्यांगऋण योजना में 1-1 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की गई। 5 को पालनहार योजना, 4 कन्यादान योजना, 2 दिव्यांग विवाह योजना में स्वीकृति प्रदान कर लाभार्थियों के बैक खाते में सीधे राशि प्रदान की गई।
इस अवसर पर अतिरिक्त कलक्टर राजकुमारसिंह, समस्या निराकरण समिति के सदस्य हरपालसिंह राणा, सहायक निदेशक सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग भगवानसहाय शर्मा, विभागीय अधिकारी एवं विभिन्न संस्थाओं, दिव्यांग संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।