राँची न्यूज़: देवघर एयरपोर्ट के आसपास बने ऊंचे भवनों को हटाने पर नागर विमानन के महानिदेशक( डीजीसीए) को आदेश जारी करने का निर्देश दिया है. को एक्टिंग चीफ जस्टिस अपरेश कुमार सिंह और जस्टिस दीपक रौशन की अदालत ने डीजीसीए को प्रतिवादी बनाते हुए आदेश जारी करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी.
सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से अदालत को बताया गया कि जिन नौ भवनों को तोड़ा जाना है, उनके मालिकों से पूछा गया था कि उन्होंने निर्माण के पूर्व एयरपोर्ट अथॉरिटी से एनओसी ली थी या नहीं. जिस पर मकान मालिकों की ओर से जवाब दे दिया गया है. देवघर एयरपोर्ट ने अपनी रिपोर्ट डीजीसीए के भेज दी है. अब डीजीसीए ही भवनों को हटाने का आदेश जारी करेगा.
देवघर एयरपोर्ट में राज्य सरकार भी स्टेक होल्डर है और उसे ही मकान मालिकों को मुआवजे का भुगतान करना है. इस पर अदालत ने डीजीसीए को देवघर एयरपोर्ट ऑथिरटी की रिपोर्ट पर आदेश पास करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा है कि यदि संभव हो तो एक सप्ताह के अंदर आदेश जारी करें.
यह है झारखंड का देवघर एयरपोर्ट, जहां विमानों की नाइट लैंडिंग को लेकर हाईकोर्ट ने निर्देश दिया है.
कोर्ट ने पूछा था कि नुकसान की भरपाई कौन करेगा
पूर्व की सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा था कि देवघर एयरपोर्ट के आसपास के जिन बिल्डिंग को तोड़ा जाना है, उसके नुकसान की भरपाई कौन करेगा. एयरपोर्ट के आसपास की नौ ऊंची बिल्डिंग को तोड़ने को लेकर देवघर जिला प्रशासन की ओर से मकान मालिकों को नोटिस जारी किया गया था.
इस मामले में भाजपा सांसद निशिकांत दूबे की ओर से देवघर एयरपोर्ट के सुचारू ढंग से संचालन करने एवं वहां नाइट लैंडिंग की सुविधा देने को लेकर अवमाननावाद याचिका दाखिल की गई है.