करौली। करौली शहर के संतोषी माता कॉलोनी के रहवासियों द्वारा गायत्री मंदिर परिसर में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के सातवें दिन मंगलवार को भगवान श्री कृष्ण की कई लीलाएं सुनाई गईं. इस दौरान सजीव झांकी भी सजाई गई। वहीं धार्मिक भजनों पर श्रद्धालु नाचते-गाते भी नजर आए। जिससे माहौल धार्मिक हो गया। कथावाचक आचार्य सच्चिदानंद शरण सोनू व्यास ससेदी वाले ने विभिन्न विषयों पर प्रवचन देते हुए कहा कि जो भी भागवत कथा सुनता है उसका जीवन बच जाता है। कथावाचक ने प्रवचन देते हुए कहा कि मित्रता कैसे निभानी है यह हम भगवान श्री कृष्ण और सुदामा से समझ सकते हैं। उन्होंने कहा कि पत्नी के आग्रह पर सुदामा अपने मित्र सुदामा से मिलने द्वारका पहुंचे।
इस दौरान सुदामा ने द्वारिकाधीश के महल का पता पूछा और महल की ओर बढ़ने लगे। द्वार पर द्वारपालों ने भिखारी समझकर सुदामा को रोक लिया। तब उसने कहा कि वह श्रीकृष्ण का मित्र है। इस पर द्वारपाल ने महल में जाकर प्रभु से कहा कि कोई उनसे मिलने आया है। वह अपना नाम सुदामा बता रहा है। द्वारपाल के मुख से सुदामा का नाम सुनते ही भगवान सुदामा - सुदामा कहते हुए तेजी से द्वार की ओर दौड़ पड़े। सुदामा सखा को अपने सामने देखकर उन्होंने उसे गले से लगा लिया। सुदामा ने भी कन्हैया-कन्हैया कहते हुए उन्हें गले से लगा लिया। दोनों की ऐसी दोस्ती देखकर सभा में बैठे सभी लोग हैरान रह गए। इसके बाद भगवान श्री कृष्ण ने सुदामा को अपने राजसिंहासन पर बैठाया और कुबेर का धन देकर उन्हें धनवान बना दिया। भक्तों पर जब जब विपदा आई है। प्रभु अवश्य ही उन्हें बचाने आये हैं। इस दौरान भगवान श्री कृष्ण की अलग-अलग लीलाओं का वर्णन किया गया।