जयपुर: विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मंगलवार सचिन पायलट के बयान और यात्रा को लेकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वे 19 माह तक सरकार में डिप्टी सीएम थे, तब कुछ नहीं बोले। विधानसभा में भी कोई मुद्दा नहीं उठाया। अब उन्हें सब याद आ रहा है। उनका विमान अब आटो मोड पर चला गया है। कभी गहलोत पर बमबारी करते हैं तो कभी भाजपा के नेताओं पर झूठे आरोप लगाते हैं। वसुन्धरा राजे सरकार में खानों का आवंटन केन्द्र से परिपत्र विलंब से आने से पूर्व हो चुका था। परिपत्र मिला तो सभी खानों के आवंटन सरकार ने निरस्त कर दिए थे। फिर दोबारा से योग्य लोगों को आवंटित की गई। कांग्रेस की ए और बी टीम आपस में ही एक-दूसरे को ललकार रही है। अपमान की राजनीति में दो टुकड़ों में सरकार बंटी है। मंत्री-विधायक अपनी ही सरकार को देश की सबसे भ्रष्ट और कमीशनखोर सरकार बता रहे हैं। मानेसर प्रकरण के समय विधायकों को पैसा देने के तथ्य हैं तो सीएम कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं? पेपर लीक की न्यायिक जांच की मांग और आंदोलन भाजपा पहले से कर रही है। आरपीएससी को भंग करने की मांग जायज है।
सरकार में बिजली कीमतें दोगुनी हुई
राठौड़ ने कहा कि सरकार सौ यूनिट फ्री बिजली देने का झूठ फैला रही है। जबकि कार्यकाल में दाम 5.5 रुपए से 11 रुपए प्रति यूनिट यानी दोगुने तक कर दिए। जितनी फ्री बिजली दे रहे हैं उस राहत से ज्यादा 59 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचॉर्ज वसूला जा रहा है। आरोप लगाया कि बिजली प्लांटों से बिजली 3.50 से 4 रुपए प्रति यूनिट पड़ती है, लेकिन इन्हें बंद कर भ्रष्टाचार के लिए कई गुना महंगी बिजली खरीद कर रहे हैं। एक साल में 13793 करोड़ रुपए की बाजार से बिजली खरीदी गई। कंपनियों को दिवालिया कर दिया है।
ईमानदार को हटाया, भ्रष्ट अफसर फिर लगाए
आईएएस अफसरों के तबादलों पर कहा कि तीन लाख रुपए की रिश्वत में पकड़े गए आईएएस प्रतीक झांझडिया को फिर से पुरानी जगह लगा दिया गया। जबकि अलवर में जमीनों के भ्रष्टाचार पकड़ने वाले ईमानदार आईएएस जितेन्द्र कुमार सोनी को वहां से हटा दिया गया। 19 जिले बनाए थे, लेकिन 15 में ही ओएसडी लगाए हैं। लैंड रेवन्यू एक्ट के तहत जिलों के हिस्से की आपत्तियां अभी तक नहीं ली गई। महंगाई राहत शिविरों में सरकारी पैसे से ‘मोदी हटाओ, देश बचाओ’ के नारे लग रहे हैं। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का फोटो विज्ञापन में छापा जा रहा है। राजनीतिक सभाएं हो रही है। यह सरकारी पैसे का दुरुपयोग है।