जोधपुर मूक-बधिर छात्र का सांकेतिक भाषा में प्रदर्शन: राक्षस में बयां किया गया दर्द
याचिका करने पर बच्चों को परेशानी हो रही है।
ये वो रिश्ते हैं जिनके मन की पीड़ा हर कोई नहीं समझ सकता क्योंकि ये जन्म से मूक बधिर है। यही वजह है कि हमारी याचिका भी हमारी आवाज की तरह ही दबती है। ये बात के माध्यम से ये बातचीत चाह रहे हैं।
शहर के माता का थान स्थित गांधी बधिर स्कूल के छात्र अपनी दादी को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। पोर्टफोलियो ने एक्जामिन को एग्जिट की मांग की है। हड़ताल दे रहे छात्रों का कहना है कि चर्च की व्यवस्थाएं हुई हैं। इसकी याचिका करने पर बच्चों को परेशानी हो रही है।
प्रदर्शन करने वाले छात्र बोल नहीं सकते ऐसे में खुद साइन लैंग्वेज में अपनी पीड़ा बता रहे हैं।
उन्होंने एक दस्तावेज़ भी जारी किया है जिसमें बताया गया है कि छात्रों के अध्ययन के साथ स्टॉक का उपयोग किया जा रहा है। सफाई पर भी विशेष ध्यान नहीं दिया जा रहा है। लेकिन बोलकर अपनी पीड़ा नहीं पा रहे हैं।
प्रत्यक्ष में लिखा है कि क्रोम में मिलने वाला खाना भी कई बार कम पड़ जाता है। खाने में कई बार कीड़े भी मिले लेकिन शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ऐसे में वह अपनी पीड़ा लेकर कहां जाए।
छात्रों को अपमानित किया जाता है, यह गंभीर आरोप हैं। कई बार समान गिर पर उनके साथ भी जाते हैं।
इन छात्रों ने प्रशासन से अपील की है कि वह बोलकर अपनी पीड़ा नहीं बता सकते। यदि उनके स्थान पर कोई सामान्य भाषा वाले छात्र होते तो वह इतना अन्याय सहन नहीं कर सकते। इसलिए इस पर कार्रवाई की जाए।