Confederation of Indian Textile Industry के प्रतिनिधिमण्डल ने वस्त्र मंत्री से की मुलाकात

Update: 2024-07-08 17:07 GMT
Bhilwara भीलवाड़ाकॉन्फ्रेडेशन ऑफ इण्डियन टेक्सटाइल इण्डस्ट्री के वरिष्ठ पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने नई दिल्ली में वस्त्र मंत्री गिरीराज सिंह से मुलाकात कर आगामी केन्द्रीय बजट में भारत में टेक्सटाइल उद्योग के विकास के लिए महत्वपूर्ण नीतियों की घोषणा का आग्रह किया। आरटीएमए के अध्यक्ष डॉ एसएन मोदानी ने बताया कि प्रतिनिधिमण्डल में वस्त्र मंत्री से भारतीय टेक्सटाइल उद्योग के लिए मूलभूत कच्चा माल विभिन्न फाइबर उचित मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिए कोई पॉलिसी बनाने का आग्रह किया। उन्होंने बताया कि अन्य प्रमुख टेक्सटाइल देशों के मुकाबले भारत में सभी तरह के फाइबर की दरे ज्यादा होने से यार्न, फेब्रिक्स, रेडीमेड आदि सभी उत्पादों की लागत बढ़ रही है एवं इससे निर्यात पर विपरित असर आ रहा है। वर्तमान में कॉटन की दरे लगभग 22 प्रतिशत, विस्कोस फाइबर की दरे 20 प्रतिशत, पॉलिस्टर फाइबर की दरे लगभग 38 प्रतिशत ज्यादा है। इससे अन्तर्रास्ट्रीय मार्केट में भारत से निर्मित टेक्सटाइल उत्पादों की मांग कम होती जा रही है। मोदानी ने बताया कि साथ ही टेक्सटाइल उद्योग में नई मशीनरी स्थापित करने या आधुनिकीकरण के लिए टफ योजना को पुर्नजीवित करना आवश्यक है।
वर्ष 2000 से लागू टफ योजना 31 मार्च 2022 को समाप्त कर दी गई थी। यद्यपि केन्द्र सरकार ने इसके स्थान पर पीएलआई पैटर्न पर नई योजना लागू करने की चर्चा की थी, लेकिन वर्तमान में कोई योजना लागू नही है। उन्होंने कहाकि भारत में टेक्सटाइल उद्योग हैण्डलूम, पावरलूम, सेमी ऑटोमेटिक प्रोसेसिंग, छोटे रेडीमेड उत्पादक से लेकर मिल सेक्टर तक विस्तृत है। छोटे, मध्यम टेक्सटाइल उद्यमी पीएलआई पैटर्न को समझ पाकर उसका लाभ उठाने मंे असमर्थ होगें। अतः सभी के हित मंे पुरानी टफ योजना को अगर आवश्यक हो तो कुछ सुधार के साथ पुनः लागू किया जाना चाहिए। प्रतिनिधिमण्डल मंे कॉन्फ्रेडेशन ऑफ इण्डियन टेक्सटाइल इण्डस्ट्री के चेयरमैन राकेश मेहरा, दक्षिण भारत टेक्सटाइल उद्योग संगठन (सीमा) डिप्टी चेयरमैन दुराई पलानी सामी, वर्धमान टेक्सटाइल के संयुक्त प्रबंध निदेशक नीरज जैन भी थे।
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