डेहलावास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को करेगा दुनिया भर में शोकेस

Update: 2022-08-01 17:59 GMT

जयपुर. राजधानी के डेहलावास में तैयार हो रहे सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को स्टडी करने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन (University of Washington) से 6 सदस्यों का डेलिगेशन सोमवार को जयपुर पहुंचा. यहां उन्होंने ग्रेटर नगर निगम में स्थाई संपत्तियों के सृजन के प्रोजेक्ट का निर्माण क्लाइमेट स्मार्ट तरीके से किए जाने को लेकर प्रेजेंटेशन भी दिया. साथ ही जयपुर के डेहलावास एसटीपी प्लांट को दुनिया भर में शोकेस करने की बात कही.

प्रोफेसर जेनस विटिंगटन के नेतृत्व में पहुंचे दल में अंतराष्ट्रीय संगठन संयुक्त राष्ट्र औद्योगिक विकास संगठन (UNIDO) के 2 सदस्य और यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के 4 सदस्य शामिल थे. उन्होंने कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लानिंग पर प्रेजेंटेशन दिया. वहीं शहरी निकायों और नगरीय निकायों में केपिटल इन्वेस्टमेंट को प्लानिंग के तहत चल रहे स्थाई प्रोजेक्ट में किस तरह पर्यावरण संरक्षण किया जाए और किस तरह प्रोजेक्ट को पर्यावरण संरक्षित बनाया जाए इस उद्देश्य के तहत जानकारी भी दी.

इस दौरान मौजूद रहे निगम कमिश्नर महेंद्र सोनी ने कहा कि बीते एक दशक में क्लाइमेट चेंज बड़ी चिंता के रूप में उभरा है. ऐसे में दुनिया भर का फोकस है कि जो भी प्रोजेक्ट तैयार हो रहे हैं, वह क्लाइमेट स्मार्ट तरीके से हो. जो मानव उपयोगी होने के साथ-साथ क्लाइमेट के लिए भी नुकसानदेह न हों. इसी तरह का एक प्रोजेक्ट डेहलावास सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जिसको वाशिंगटन डेलिगेशन विजिट करेगा और इसे दुनिया भर में शोकेस भी करेगा. प्रोजेक्ट के तहत ग्रिड से बिजली न लेकर गैस आधारित और सोलर प्लांट से बिजली जनरेशन किया जाएगा. ये एक एनर्जी न्यूट्रल प्लांट होगा, जो अपने आप में एक उदाहरण है.

यहां यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन की प्रो ऐड्रीयन ग्रीव, सुजाता, वेंकटेश राजा और यूनिडो के सदस्य नंदपाल सिंह और मनासा सुरेश की ओर से निगम की तकनीकी और फाइनेंस प्रकोष्ठ के अधिकारियों को कैपिटल इन्वेस्टमेंट प्लानिंग के प्रोजेक्ट मॉडलिंग से समझाए गए.

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